बहराइच में तूल पकड़ता जा रहा मृत्यु प्रमाण पत्र का मामला

बहराइच। कूटरचित अभिलेखो का बाहर निकला जिन्न अब नए मोड़ की कहानी गढ़ रहा है। जारी हुए नगर पंचायत जरवल से जीवित मोलहे के बनाए गए मृतक प्रमाण कइयों की गर्दन भी नाप सकता है।जिसके लिए हड़कंप मचा है।सरकारी अभिलेख तो विभागीय अधिकारियों ने खंघालना तो शुरू ही कर दिए है l संबंधित कर्मचारियों को स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। जिससे कई लोगो को जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है। सूत्रो के मुताबिक जरवल विकासखंड के ग्राम पंचायत गण्डारा के मजरा खालेपुरवा निवासी मोल्हू पुत्र बच्चू के नाम 0.1740 हेक्टेयर जमीन राजस्व अभिलेखों में दर्ज है।

इस जमीन को हड़पने के लिए भूमाफियाओं ने कूटरचित अभिलेख तैयार कर जीबित मोल्हू को मृत दिखाकर तहसीलदार न्यायिक कैसरगंज की अदालत पर वाद दायर कर खातेदार मोल्हू पुत्र बच्चू को मृत दिखाकर 26 अगस्त 23 को तहसीलदार न्यायिक कोर्ट से जरवल कस्बा की मुन्नी पत्नी कुन्नू उर्फ श्याम लाल के नाम वरासत दर्ज करवाने का आदेश मजिस्टेट से कूटरचित अभिलेखो के जरिए धोखे से खतौनी में आदेश को दर्ज करवा दिया।

जमीन पर कब्जे को लेकर पैमाइश कराने के दौरान मामले का खुलासा होने पर हडकंप मच गया। पीडित ने तहसीलदार न्यायिक कैसरगंज के यहां एक बाज दायर कर अपने को जिन्दा बताते हुए आदेश निरस्त करने की मांग की थी l जिस पर तहसीलदार न्यायिक कैसरगंज ने 30 जनवरी 24 को अपने 26 अगस्त के आदेश को निरस्त कर दिया। अब सवाल ये उठता है कि जीवित व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र नगर पंचायत जरवल से बना कैसे

इस सम्बंध  नगर पंचायत जरवल के बृजेश यादव मोहर्रिर से जब बात की तो उन्होंने बताया की अवेदिका जरवल निवासनी मुन्नी ने बयान हल्फी के साथ गवाहों को साथ लेकर कार्यालय आई थी कि उसे मोल्हे मृतक का मृतक प्रमाण पत्र चहिए था। जिस पर मैने अभिलेखो के आधार पर अपनी रिपोर्ट लगा दी। उन्होंने यह भी बताया कि आवेदिका मुन्नी ने मोल्हे की जाति अपने प्रार्थना पत्र मे नही लिखा था। जरवल का मोल्हे मर चुका था जिसकी रिपोर्ट लगाई थी।

यह एक गम्भीर प्रकरण है कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है जवाब आते ही उच्चाधिकारियों को अवगत करवा कर विधिक कार्यवाही दोषियों पर की जवेगी।

खुशबू यादव
अधिशाषी अधिकारी नगर पंचायत जरवल

आखिर कौन है मास्टर माइंड ?
जरवल। जिन्दा को मुर्दा बनवाने की जालसाजी आखिर किसके इशारे पर हुई कौन था इसका मास्टर माइंड ? सूत्रो की माने तो जीवित मोल्हे को मृतक क्यों करार दिया गया। सूत्र बता रहे है कि इस गोरख धंधे मे कुछ चेहरो को भी बे-नकाब होना पड़ सकता है जो फर्जी अभिलेखो को तैयार करने मे मास्टर माइंड भी है।

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