रूस और भारत के बीच बड़ी डील! शिपिंग, ट्रांसपोर्ट, हेल्थ, डिफेंस, इकोनॉमी जैसे क्षेत्रों में मजबूत होगा ‘मेक इन इंडिया’, पुतिन-मोदी की बैठक की बड़ी बातें

Russia and India Deal : भारत और रूस ने गुरुवार को प्रवास और आसान आवाजाही से जुड़े एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके अलावा, दोनों देशों ने स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत बनाने के लिए भी सहमति जताई है। इस अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई वार्ता के बाद, भारत-रूस ने बंदरगाह और पोत परिवहन क्षेत्र में सहयोग के लिए एक ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं।

शिखर सम्मेलन के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में दोनों देशों की साझेदारी के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा भारत और रूस के संबंधों की एक मजबूत आधार रही है। सिविल न्यूक्लियर ऊर्जा के क्षेत्र में दशकों से जारी सहयोग ने दोनों देशों की स्वच्छ ऊर्जा प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है, और यह “विन-विन” साझेदारी भविष्य में भी जारी रहेगी। मोदी ने यह भी बताया कि क्रिटिकल मिनरल्स में सहयोग दोनों देशों के बीच वैश्विक सप्लाई चेन को सुरक्षित और विविध बनाने में मदद करेगा, जिससे स्वच्छ ऊर्जा, हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग और नई तकनीकी उद्योगों में साझेदारी मजबूत होगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने जहाज निर्माण के क्षेत्र में गहरे सहयोग को मेक इन इंडिया को सशक्त बनाने वाला तत्व बताया। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र रोजगार, कौशल विकास और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए, दोनों देशों ने वीज़न 2030 नामक एक दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए हैं। मोदी ने बताया कि दोनों नेता भारत-रूस बिज़नेस फोरम में भाग लेंगे, जो व्यापारिक संबंधों को नई दिशा देगा और सह-उत्पादन तथा नवाचार के अवसरों का विस्तार करेगा। इसके साथ ही, दोनों देश यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को साकार करने के लिए भी नए कदम उठा रहे हैं।

मोदी ने कहा कि दुनिया ने पिछले आठ दशकों में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन भारत-रूस का मित्रता का रिश्ता स्थिर और मार्गदर्शक रहा है। यह रिश्ता पारस्परिक सम्मान और भरोसे के आधार पर बना है। आज हुई इस बातचीत में उन सभी पहलुओं पर चर्चा हुई है, जो इस संबंध को और मजबूत बनाएंगे।

प्रधानमंत्री ने पुतिन का स्वागत करते हुए कहा कि 23वें भारत-रूस द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में उनका आना खुशी की बात है। उन्होंने याद दिलाया कि 25 साल पहले राष्ट्रपति पुतिन ने इस रणनीतिक साझेदारी की नींव रखी थी। मोदी ने कहा कि 2010 में इस साझेदारी को “स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप” का दर्जा दिया गया था, और पिछले ढाई दशकों में पुतिन के नेतृत्व और दृष्टि से इस रिश्ते को लगातार पोषित किया गया है।

हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने भारत-रूस संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। मोदी ने उन्हें ‘प्रिय मित्र’ कहकर उनके प्रति गहरी मित्रता और सम्मान व्यक्त किया, और कहा कि इस यात्रा का समय इसीलिए भी खास है कि हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक मिसालें कायम कर रहे हैं।

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