Darjeeling flood :  सांसद राजू बिष्ट ने ममता बनर्जी से की ‘राज्य स्तरीय आपदा’ घोषित करने की मांग

सिलीगुड़ी : दार्जिलिंग और कलिम्पोंग में लगातार भारी बारिश और भूस्खलन से मची तबाही को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। दार्जिलिंग के सांसद तथा भारतीय जनता पार्टी के नेता राजू बिष्ट ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर इस प्राकृतिक आपदा को ‘राज्य स्तरीय आपदा’ घोषित करने की मांग की है।

सांसद ने रविवार रात अपने पत्र में लिखा है कि दार्जिलिंग, तराई और डुआर्स क्षेत्र में लगातार हो रही मूसलधार बारिश के कारण व्यापक तबाही मची है। पहाड़ी इलाकों में कई जगहों पर भूस्खलन से सड़कें बंद हो गई हैं और सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार इस आपदा को राज्य स्तरीय घोषित करती है तो प्रभावित लोगों को राहत और मुआवजा देने की प्रक्रिया तेज हो सकेगी।

राजू बिष्ट ने अपने पत्र में यह भी याद दिलाया कि वर्ष 2023 में तिस्ता नदी की बाढ़ को राज्य सरकार ने ‘आपदा’ घोषित नहीं किया था, जिसके चलते उस समय कई पीड़ित परिवारों को उचित सहायता और मुआवजा नहीं मिल सका था। उन्होंने आग्रह किया कि इस बार उस गलती की पुनरावृत्ति न हो और सरकार केंद्र के साथ मिलकर राहत एवं पुनर्वास कार्य को प्राथमिकता दे।

सांसद ने यह भी कहा कि राज्य सरकार को केंद्र सरकार के साथ समन्वय स्थापित कर सभी क्षतिग्रस्त संरचनाओं के पुनर्निर्माण और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की ठोस व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री इस दिशा में शीघ्र कदम उठाएंगी ताकि उत्तर बंगाल के पीड़ितों को हरसंभव सहायता मिल सके।

इस बीच, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट से फोन पर बात की और स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने आश्वासन दिया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की अतिरिक्त टीमें उत्तर बंगाल भेजने पर विचार किया जा रहा है।

दूसरी ओर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी उत्तर बंगाल की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने नवान्न स्थित नियंत्रण कक्ष से हालात की लगातार निगरानी की और सोमवार को मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ दार्जिलिंग व कलिम्पोंग जाने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री सिलिगुड़ी से ही पूरे उत्तर बंगाल की स्थिति पर नजर रखेंगी।

जानकारी के अनुसार, शनिवार रात से शुरू हुई भारी बारिश के कारण दार्जिलिंग और कलिम्पोंग के कई इलाकों में भूस्खलन हुआ है। तिस्ता नदी का जलस्तर बढ़कर राष्ट्रीय राजमार्ग पर आ गया है। जीटीए प्रशासन के अनुसार अब तक इस आपदा में 20 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग घायल हैं और कई अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। एनडीआरएफ, राज्य आपदा मोचन बल, सेना और पुलिस संयुक्त रूप से राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।

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