नई लहर का खतरा: कितना घातक है कोरोना का नया रूप? जानें एक्सपर्ट की राय

नई दिल्ली । कोविड-19 एक बार फिर दुनिया भर में तेजी से दस्तक दे रहा है। बात करें भारत की तो सिर्फ भारत में ही पिछले दो दिनों के दौरान 257 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि दो मौत भी हो चुकी है। क्या फिर से चेहरे पर मास्क सोशल डिस्टेंसिंग और हाथों की साफ सफाई का दौर लौट आया है? क्या फिर से लॉकडाउन लगेगा? कितनी घातक है नई लहर। वरिष्ठ डॉक्टर और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली से एमडी (मेडिसिन), डीएनबी (मेडिसिन) और डीएम (संक्रामक रोग) में एक्सपर्ट इस पर कई तथ्यात्मक जानकारी दी है।

जानकारों ने बताया कि सबसे पहले तो यह जानना जरूरी है कि आखिर इस मौसम में कोरोना वायरस क्यों फैल रहा है। उन्होंने बताया कि यह एक तरह का ओमिक्रोन का ही वेरिएंट है, जिसे हम नए ओमिक्रॉन सबवेरिएंट एलएफ.7 और एनबी.1. 8 कहते हैं। उन्होंने बताया कि सबसे अच्छी बात इसकी यह है कि इसके लक्षण हल्के हैं, जैसे गला खराब, जुकाम और बुखार इन लक्षणों के दिखने पर लोगों को जरूरी है कि वो डॉक्टर से मिले और अपनी जांच कराएं। उन्होंने बताया कि हर साल इस मौसम में इस तरह के मामले देखने के लिए मिल रहे हैं पिछले कुछ सालों से, लेकिन डरने की जरूरत नहीं है।

ओपीडी में लगातार गला खराब, सर्दी, जुकाम और खांसी जैसे लक्षण लेकर मरीज आ रहे हैं। जांच करने पर मरीजों में कोरोना वायरस पॉजिटिव नहीं आ रहा है, जबकि इन्फ्लूएंजा-बी के मामले जांच के बाद सामने आ रहे हैं। ऐसे में जरूरत है कि लोग डरे नहीं और किसी में अगर यह लक्षण दिखाई दें तो उसको आइसोलेट कर दें। सोशल डिस्टेंसिंग कर लें और उसका पूरा इलाज कराएं।

जब पहली बार कोरोना वायरस साल 2020 में आया था, तब हम लोगों को इसकी जानकारी नहीं थी और न ही वैक्सीनेशन हुआ था, लेकिन अब पूरे देश भर में लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है और हमारा शरीर अब इस वायरस से लड़ने के लिए तैयार है। यही वजह है कि अब हर साल सामान्य इन्फ्लूएंजा की तरह यह आता है और एक वक्त बाद चला जाता है। ऐसे में डरने की जरूरत नहीं है। सिर्फ कोरोना वायरस के प्रोटोकॉल को अपना लें। भीड़भाड़ वाले इलाके में जाने से बचें। चेहरे पर मास्क लगा लें और सोशल डिस्टेंसिंग कर लें।

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