दैनिक भास्कर की पड़ताल: कृषि विभाग का काला सच! विभाग ने जारी किया बॉर्डर क्षेत्र में सार्वाधिक लाइसेंस

  • कृषि विभाग के आंकड़े तस्दीक करते हैं कि खाद की तस्करी को बढ़ावा देने के लिए नौतनवां ब्लाक में 165 और निचलौल ब्लाक में जारी किए गए 145 सर्वाधिक खाद बिक्री के लाइसेंस

महराजगंज। यह सही है कि खुद कृषि विभाग के आला अफसर ही भारत से नेपाल में खाद की तस्करी को बढ़ावा दे रहे हैं। तभी तो कृषि विभाग ने भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में जनपद के अन्य ब्लाकों के अपेक्षा व्यापक पैमाने पर खाद बेचने के लिए लाइसेंस जारी किया है। कृषि विभाग के आंकड़े तस्दीक करते हैं कि जहां नौतनवां ब्लाक क्षेत्र में 164 लाइसेंस जारी किया गया है।

वहीं निचलौल ब्लाक क्षेत्र में 145 लाइसेंस खाद बेचने के लिए दिया गया है। जबकि जनपद के महराजगंज ब्लाक में 108 लाइसेंस, परतावल ब्लाक में 96 लाइसेंस जारी किया गया है। जबकि पनियरा ब्लाक में 82 लाइसेंस, सिसवा ब्लाक में 72 लाइसेंस, लक्ष्मीपुर ब्लाक में 64 लाइसेंस, फरेंदा ब्लाक में 66 लाइसेंस, घुघली ब्लाक में 91 लाइसेंस, धानी ब्लाक में 18 लाइसेंस, बृजमनगंज ब्लाक में 46 लाइसेंस व मिठौरा ब्लाक क्षेत्र में मात्र 36 खाद बेचने के लिए लाइसेंस जारी किए गए हैं।

यह आंकड़ा कृषि विभाग को कटघरा में खड़ा करता है। इस बात को लेकर महराजगंज शहर से लेकर गांव की चौपालों पर कृषि विभाग का यह काला सच खूब सुर्खियां बटोर रही है। कृषि विभाग के इस खेल से भारत के अनुदान की खाद नेपाल की खेती लहलहा रही है और भारत के किसान रबी व खरीफ के सीजन में एक-एक बोरी खाद के लिए तड़पते नजर आते हैं।

किसानों का आरोप है कि आखिर भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र के नौतनवां ब्लाक और निचलौल ब्लाक में इतना ज्यादा दूकानों का लाइसेंस क्यों जारी किया गया है। इससे लगता है कि कृषि विभाग खुद खाद की तस्करी को बढ़ावा दे रहा है। जबकि जिले के अन्य ब्लाकों में कम दुकानों के लाइसेंस जारी किए गए हैं।

कैरियर के जरिए नेपाल में पहुंचती है खाद की खेप –

सूत्रों की मानें तो रबी, खरीफ और जायद के सीजन में सबसे अधिक उर्वरकों की डिमांड वार्डर क्षेत्र में रहतीं है। आंकड़े भी तस्दीक करते हैं कि निचलौल और नौतनवा तहसील में सार्वाधिक उर्वरकों की खाद का विक्रय होता है। वार्डर क्षेत्र के दुकानों का विभाग कभी भी कार्रवाई नहीं करता है। जिससे तस्करों का मुफीद रास्ता इन दुकानों के जरिए नेपाल के अलग-अलग हिस्सों में होता है।

दैनिक भास्कर टीम ने निचलौल क्षेत्र के वार्डर में खुले दुकानों का पड़ताल किया तो तथ्य हैरान करने वाले मिले। सबसे पहले टीम ने बहुआर कला, झुलनीपुर, गडौरा ठुठीबारी के साथ नौतनवा क्षेत्र के बरगदवा, मिश्ररौलिया, रतनपुर,और सोनौली में कृषि विभाग ने लाइसेंस कुछ दुकानों को,तो दिया है। इसके बाबजूद बहुत से दुकान कृषि विभाग के रहमो-करम पर संचालित होते हैं।

दैनिक भास्कर की टीम ने ग्राहक बनकर इन दुकानों से लाइसेंस,खाद की उपलब्धता के बारे में बहुत कुछ जानने की कोशिश की। उसके बाद दुकानदारों ने बताया कि जिले के कृषि विभाग के बड़े अधिकारी को हर माह मोटी रकम पहुंचाया जाता है। खाद को वार्डर उस पार भेजने के सवाल पर सूत्रों ने बताया कि इसके लिए बकायदा एक कैरियर की टीम लगी होती है।जो कमीशन के चलते कुछ ही समय में इस पार से उस पार पहुंचा देते हैं।

डिमांड के अनुसार ही नौतनवां में 165 और निचलौल ब्लाक में 145 खाद बेचने का लाइसेंस जारी किया गया। लेकिन सीमा पर खाद तस्करी की जानकारी नहीं है। तस्करी रोकने के लिए कृषि विभाग तैयार है।
वीरेंद्र कुमार, जिला कृषि अधिकारी महराजगंज

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