
भारत के प्रमुख ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. रोहित लूथरा ने एक नई पहल की है। उन्होंने देश में पहली बार DAA (डायरेक्ट एंटेरियर अप्रोच) रोबोटिक हिप रिप्लेसमेंट फैलोशिप प्रोग्राम की शुरुआत की है। यह प्रोग्राम हिप आर्थराइटिस के मरीजों के लिए अत्याधुनिक इलाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह तकनीक दुनियाभर में बहुत ही सीमित सर्जनों द्वारा उपयोग की जाती है, और भारत में यह कार्यक्रम एक विशेष अवसर के रूप में उभर रहा है।
DAA: हिप आर्थराइटिस के मरीजों के लिए सबसे प्रभावी तरीका
हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी के लिए कई तकनीकें उपलब्ध हैं, लेकिन DAA को सबसे प्रभावी और सुरक्षित तरीका माना जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान, सर्जन हिप जॉइंट तक सीधा पहुंचते हैं, जिससे आसपास की मांसपेशियों को काटने या नुकसान पहुंचाने की आवश्यकता नहीं होती। यह तकनीक पारंपरिक तरीकों से अलग है, क्योंकि इसमें मरीजों को कम दर्द, कम रिकवरी समय, और तेजी से पुनर्वास का अनुभव होता है।
हिप आर्थराइटिस से पीड़ित मरीजों के लिए, यह तरीका उनकी जीवनशैली में जल्दी सुधार लाता है। DAA तकनीक मांसपेशियों और टिश्यू को बिना नुकसान पहुंचाए सर्जरी को सटीक रूप से पूरा करती है, जिससे मरीज जल्द ही फिर से चलने-फिरने लगते हैं। इस प्रक्रिया के बाद होने वाले दर्द और जटिलताओं की संभावना भी बहुत कम होती है, जो इसे एक सुरक्षित और प्रभावी विकल्प बनाता है।
डॉ. लूथरा की विशेषता और फैलोशिप प्रोग्राम
डॉ. रोहित लूथरा हर साल 500 से अधिक रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी करते हैं, और उन्होंने दुनिया भर के मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। उनकी विशेषता DAA तकनीक में है, और अब उन्होंने इस ज्ञान को साझा करने के लिए फैलोशिप प्रोग्राम की शुरुआत की है। यह प्रोग्राम उन सर्जनों के लिए एक अवसर प्रदान करता है जो DAA तकनीक में महारत हासिल करना चाहते हैं।
DAA रोबोटिक हिप रिप्लेसमेंट फैलोशिप प्रोग्राम तीन अलग-अलग अवधि विकल्पों में उपलब्ध है – 3 महीने, 6 महीने और 1 साल। यह प्रोग्राम उन सर्जनों को तैयार करेगा, जो हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी में विशेषज्ञता प्राप्त करना चाहते हैं। यह पहल भारत में अपनी तरह की पहली है, और इससे ऑर्थोपेडिक सर्जरी के क्षेत्र में गुणवत्ता और तकनीक के स्तर में वृद्धि होगी।
मरीजों की सेवा के प्रति समर्पण
डॉ. लूथरा की जिंदगी मरीजों को बेहतरीन इलाज प्रदान करने के लिए समर्पित है। उनकी विशेषज्ञता और मरीजों की देखभाल के प्रति उनकी निष्ठा ने उन्हें भारत के अग्रणी सर्जनों में से एक बना दिया है।
उनका मानना है कि हर मरीज को सबसे उन्नत और सुरक्षित चिकित्सा मिलनी चाहिए। उन्होंने अब तक अनगिनत मरीजों को एक नया जीवन देने में मदद की है, और उनकी यह फैलोशिप पहल अन्य सर्जनों को भी इस दिशा में आगे बढ़ने का मौका देगी।
भारत में यह पहला फैलोशिप प्रोग्राम है जो ऑर्थोपेडिक सर्जनों को हिप रिप्लेसमेंट की इस आधुनिक तकनीक में प्रशिक्षित करेगा और उन्हें अपने मरीजों के लिए बेहतर और सुरक्षित सर्जरी का विकल्प उपलब्ध कराने में सक्षम बनाएगा।