
नई दिल्ली। पूरे भारत वर्ष में साइबर अपराधियों के हौसले दिन प्रतिदिन बुलंद होते जा रहे हैं। गृह मंत्रालय के तहत संचालित इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (आई4सी) में अनुसार, देश में रोजाना 7 से 8 हजार साइबर शिकायतें दर्ज हो रही है। यह शिकायतें साइबर फ्रॉड, डिजिटल धमकी, ऑनलाइन ठगी, फेक लिंक और डिजिटल एरेस्ट जैसे आधुनिक अपराधों से जुड़ी होती हैं। इन शिकायतों की तत्काल प्रोसेसिंग और ट्रैकिंग के लिए देश में 1930 साइबर हेल्पलाइन सेंटर स्थापित किए गए हैं, जहां पर हर समय पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं। बता दें कि 4सी की मदद से अब तक 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि पीड़ितों को वापस दिलाई जा चुकी है। इस दौरान (आई4सी) के डिप्टी कमांडेंट दीपक कुमार ने बताया कि साइबर अपराध से लड़ने के लिए सिर्फ तकनीक नहीं है, बल्कि प्रशिक्षित युवाओं की भी जरूरत है। इसी दिशा में (आई4सी) ने देशभर के छात्रों के लिए पेड इंटर्नशिप कार्यक्रम की शुरुआत की है, साथ ही पोर्टल पर आवेदन के बाद चयनित युवाओं को 4 से 6 महीने की पेड इंटर्नशिप कराई जाती है, उन्हें साइबर फ्रॉड की पहचान, डिजिटल फॉरेंसिक, डाटा एनालिसिस, ऑनलाइन धोखाधड़ी के पैटर्न, साइबर सुरक्षा टूल्स, रियल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाता है। डिप्टी कमांडेंट कुमार ने बताया कि इंटर्नशिप पूरा होने पर छात्रों को गृह मंत्रालय की ओर से विशेष प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा, उन्होंने बताया कि अब तक हजारों छात्र कार्यक्रम का हिस्सा बन चुके हैं। कई राज्यों में 1500 साइबर कमांडो को भी प्रशिक्षित किया गया है, जो आगे अपने-अपने राज्यों की साइबर सुरक्षा को मजबूत कर रहे हैं।
डिप्टी कमांडेंट ने बताया कि साइबर अपराध का सबसे बड़ा हथियार लोगों की अनजाने में दी गई जानकारी है। इसलिए संस्था का दूसरा मुख्य लक्ष्य है। जन-जागरूकता अभियान, जो (आई4सी)ने देशभर में चला रहा है, उन्होंने बताया कि मेट्रो स्टेशन, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, सिनेमा हॉल, कुंभ मेला, भारत मण्डपम, बड़े मेलों में स्टॉल, अमिताभ बच्चन को ब्रांड एंबेसडर बनाकर वीडियो अभियान, दूरसंचार विभाग के साथ महीनों तक फोन कॉलर थीम मैसेज, स्कूल और कॉलेजों में साइबर सुरक्षा वर्कशॉप के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है, ताकि किसी भी संदिग्ध कॉल, लिंक या धमकी पर तुरंत विश्वास न करें, सभी लोग सतर्क रहें और 1930 या पर शिकायत करें, तो साइबर अपराध को काफी हद तक रोका जा सकता है, उन्होंने बताया कि खुद प्रधानमंत्री मोदी भी (मन की बात) में 2 बार साइबर अपराध पर लोगों को आगाह कर चुके हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय ने हाल ही में इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (आई4सी) के साथ मिलकर (साइबर सतर्कता) नाम का एक महीने का साइबर सिक्योरिटी अवेयरनेस कैंपेन किया गया। महीना भर चले इस कैंपेन के आखिरी दिन गृह मंत्रालय और (सीईआरटी-इन) के एक्सपर्ट्स ने अपनी-अपनी राय रखी थी। इस समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए डीयूसीसी के निदेशक प्रो संजीव सिंह ने बताया कि इस पहल के तहत डीयू कम्युनिटी तक 1.32 करोड़ से ज़्यादा साइबर अवेयरनेस मैसेज भेजे गए, जिससे युवाओं को जानकारी और ज़िम्मेदार डिजिटल व्यवहार के जरिए बढ़ते ऑनलाइन खतरों से निपटने में मदद मिली है, उन्होंने बताया कि फेसबुक और इंस्टाग्राम पर कुछ अकाउंट ऐसे विज्ञापन चला रहे हैं, जिनमें दावा किया जाता है कि यूजर्स अपना ह्वाट्सऐप अकाउंट लिंक करके आसानी से पैसा कमा सकते हैं, लेकिन यह एक साइबर ठगी है, जिसमें यूजर्स को क्यूआर कोड स्कैन करवाकर उनके ह्वाट्सऐप वेब की एक्सेस ले ली जाती है, जिससे ठगी करने वाले इन अकाउंट्स का इस्तेमाल गैरकानूनी गतिविधियों, फ्रॉड, स्पैम और अन्य साइबर अपराधों में करते हैं। इस स्कैम को वैध दिखाने के लिए मल्टी-लेवल कमीशन स्कीम भी अवगत कराई जाती है, जिसमें रेफरल इनवाइट्स पर 2% से 10% तक कमीशन का लालच दिया जाता है। एडवाइजरी में चेतावनी दी गई है कि ह्वाट्सऐप अकाउंट किराए पर देना गंभीर अपराध है, साथ ही आपक इंस्टॉल न करे और फर्जी (मेटा-एड्स) से बचने के लिए नियमित जांच करने की सलाह दी गई है। बता दे कि 10 जनवरी 2020 को (आई4सी) मुख्यालय का हुआ उद्घाटन किया गया था। इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (आई4सी) की स्थापना 5 अक्टूबर 2018 को गृह मंत्रालय के साइबर और सूचना सुरक्षा प्रभाग (सीआईएस डिवीजन) के तहत केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत की गई थी। इसका प्राथमिक उद्देश्य देशभर में साइबर अपराध से संबंधित सभी मुद्दों के समाधान के लिए एक राष्ट्रीय स्तर का समन्वय केंद्र स्थापित करना था।














