
Kanpur Dehat : उत्तर प्रदेश के जनपद कानपुर देहात में साइबर ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां यूपी कॉप और मेरी पंचायत एप का दुरुपयोग कर लोगों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा था। कानपुर देहात पुलिस ने बीती रात मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के नेवाड़ी थाना क्षेत्र के गोवा गांव निवासी निगम यादव पुत्र अखिलेश यादव को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने खुद को अधिकारी बताकर 14 एफआईआर से सम्बंधित पीड़ितों को निशाना बनाने की बात स्वीकार की है।
पुलिस के अनुसार आरोपी यूपी कॉप एप के माध्यम से विभिन्न जिलों की एफआईआर डाउनलोड करता था। इसके बाद वह मेरी पंचायत एप से संबंधित गांव के ग्राम प्रधान का मोबाइल नंबर हासिल करता और अधिकारी बनकर उनसे पीड़ित का संपर्क नंबर प्राप्त कर लेता था। इसके बाद वह खुद को विजिलेंस अधिकारी या दरोगा बताकर पीड़ितों को धमकाता और मामले में राहत दिलाने के नाम पर उनसे पैसे वसूली करता था।
मंगलपुर थाना क्षेत्र के फरीदपुर गांव के एक युवक से बिजली विभाग की रिपोर्ट खत्म कराने के नाम पर 25 हजार रुपये मांगने और 10 हजार रुपये वसूलने के मामले में पुलिस ने उसे पकड़ा है। आरोपी के मोबाइल की जांच में यूपी के 62 जिलों की कुल 1019 एफआईआर डाउनलोड मिलीं, जिनमें से 14 एफआईआर कानपुर देहात जिले की थीं। इसके अलावा ठगी में इस्तेमाल किए गए 44 क्यूआर कोड भी बरामद किए गए हैं।
पुलिस अधीक्षक श्रद्धा नरेंद्र पांडेय ने बताया कि आरोपी प्रदेश के 62 जिलों में अपना साइबर ठगी का जाल फैला चुका था। पूछताछ के बाद आरोपी का चालान कर दिया गया है। उसकी कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) के आधार पर ठगी से अर्जित धनराशि और सक्रिय अवधि की भी जांच की जा रही है। एसपी ने आमजन से अपील की है कि किसी भी अधिकारी के नाम पर फोन या ऑनलाइन पैसे मांगने वालों से सतर्क रहें और तुरंत पुलिस को सूचना दें।
टीम करेगी जांच
इस ठग के अपराधाें का पता लगाने के लिए एक पांच सदस्यीय समिति गठित की गई है। यह समिति उन जिलाें के पीड़िताें का पता करेगी,जहां इस ठग ने अपराध करके ठगी की है।










