
दिल्ली में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) को तैनात किया गया है। सीआरपीएफ ने हाल ही में आदेश जारी कर यह बताया कि विभिन्न जिलों में जवानों की तैनाती और मूवमेंट पर नजर रखने के लिए 15 कमांडेंट्स को पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है। यह कदम खासतौर पर शनिवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ के बाद उठाया गया है, जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी और कई अन्य घायल हुए थे।
नए आदेश और कमांडेंट की तैनाती
सीआरपीएफ के कमांडेंट स्तर के अधिकारी अब दिल्ली के विभिन्न जिलों में तैनात किए गए हैं। जैसे कि सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट में 194 वीं बटालियन के कमांडेंट, नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट में 103 वीं बटालियन के कमांडेंट, और साउथ डिस्ट्रिक्ट में 122 वीं बटालियन के कमांडेंट को तैनात किया गया है। इसके अलावा, पूर्वी और नॉर्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में भी सीआरपीएफ के विभिन्न कमांडेंट्स को तैनात किया गया है, जो दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए काम करेंगे।
सीआरपीएफ के कार्य में बदलाव
पहले जहां बल की तैनाती और मूवमेंट का निरीक्षण सीआरपीएफ की नई दिल्ली रेंज के डीआईजी दफ्तर से होता था, अब हर जिले में एक अलग कमांडेंट की तैनाती की जा रही है। यह बदलाव ओपरेशन के दौरान बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए किया गया है। सीआरपीएफ का मानना है कि इस कदम से पुलिस और सुरक्षा बलों के बीच सहयोग और समन्वय मजबूत होगा, और किसी भी आपातकालीन स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया संभव हो सकेगी।
कमांड स्ट्रक्चर में सुधार
सीआरपीएफ में पहले बल के कमांडर के रूप में हवलदार या जीडी को तैनात किया जाता था, फिर सहायक कमांडेंट को तैनात किया गया, और बाद में इसे एक कंपनी कमांडर ‘ओसी’ के साथ जोड़ा गया। अब, ऑपरेशनल क्षेत्रों में यूनिट कमांडेंट्स को भी फील्ड में तैनात करने का आदेश दिया गया है, ताकि उन्हें ज्यादा जिम्मेदारी दी जा सके। इससे पहले भी कई बदलाव हुए हैं, जैसे कि डिप्टी कमांडेंट को भी ऑपरेशनल क्षेत्रों में तैनाती देने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। हालांकि, यह बदलाव कुछ हद तक विवादास्पद था, लेकिन अब यह नया आदेश सुरक्षा बलों के संचालन में सुधार लाने के लिए है।
घायलों की देखभाल में बदलाव
पिछले सप्ताह मणिपुर में सीआरपीएफ कैंप में एक जवान ने अपने साथियों पर गोलीबारी की थी, जिसके परिणामस्वरूप कई जवान घायल हो गए थे। इस घटना के बाद आदेश जारी किया गया कि प्रत्येक घायल जवान के साथ एक कमांडेंट को तैनात किया जाएगा। हालांकि, कुछ समय बाद यह आदेश बदलते हुए सहायक कमांडेंट को घायलों की देखभाल की जिम्मेदारी दे दी गई।
यह बदलाव सुरक्षा बलों के भीतर जिम्मेदारी और नेतृत्व की संरचना को मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि दिल्ली में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सीआरपीएफ की तैनाती प्रभावी और सुचारू रूप से हो।













