
- सीआरपीएफ देश के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में से एक
लखनऊ/रांची: केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने 87वां स्थापना दिवस दिवस झारखंड राज्य के चाईबासा में उप महानिरीक्षक सुनील कुमार के नेतृत्व में बड़े धूमधाम से मनाया । इस अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किये गए। इस दौरान अमर शहीदों के साथ साथ उन तमाम अधिकारियों एवम् जवानों को याद कर उनके प्रति आभार प्रकट किया गया। शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दो मिनिट का मौन रखा गया। पुलिस उप महानिरीक्षक (परिचालन) चाईबासा कार्यालय में कार्यरत अमित रंजन झा, उप कमांडेंट सहित सभी अधिकारी एवम् अन्य जवान उपस्थित रहे।

वक्ताओं ने सीआरपीएफ के बनने से लेकर अब तक के त्याग बलिदान और शौर्य के इतिहास को विस्तार से बताया। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में कई विशेष इकाइयां हैं जिन्हें दंगा नियंत्रण और वीआईपी सुरक्षा से लेकर आतंकवाद विरोधी अभियानों और महिला आंदोलन के प्रबंधन तक, कई तरह की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए गठित किया गया है। प्रत्येक इकाई को विशिष्ट भूमिकाएं निभाने के लिए तैयार किया गया है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए सीआरपीएफ की बहुमुखी प्रतिभा और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने 1939 से अटूट समर्पण के साथ भारत की आंतरिक सुरक्षा को कायम रखा है। सीआरपीएफ देश के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में से एक है, जिसकी स्थापना 27 जुलाई, 1939 को क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस के रूप में हुई थी। अंग्रेजों से आजादी के बाद, क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस में एक महत्वपूर्ण बदलाव हुआ। 28 दिसंबर, 1949 को संसद के एक अधिनियम के माध्यम से इसका नाम बदलकर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) कर दिया गया। तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने इस पुलिस बल के लिए एक बहुआयामी भूमिका की कल्पना की, इसके कार्यों को एक नए स्वतंत्र राष्ट्र की उभरती जरूरतों के साथ जोड़ा।
सीआरपीएफ की प्रमुख जिम्मेदारियों में कानून और व्यवस्था बनाए रखना, उग्रवाद विरोधी अभियान और नक्सल विरोधी अभियान शामिल हैं। सीआरपीएफ देश भर में अपनी उपस्थिति और विविध कौशल के साथ भारत की आंतरिक सुरक्षा को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सीआरपीएफ कर्मियों को बड़ी भीड़, विरोध और प्रदर्शनों को संभालने के लिए भीड़ प्रबंधन तकनीक में प्रशिक्षित किया जाता है। उग्रवाद के खतरे की आशंका वाले क्षेत्रों में तैनात सीआरपीएफ बटालियन अच्छी तरह से सुसज्जित हैं और युद्ध अभियानों के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित हैं। सीआरपीएफ इकाइयां नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में वामपंथी उग्रवाद गतिविधियों से निपटने में विशेषज्ञ हैं। सीआरपीएफ की सुरक्षा और संरक्षण संबंधी जिम्मेदारियों में वीआईपी सुरक्षा, महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और चुनाव सुरक्षा शामिल हैं। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) में कई विशेष इकाइयां हैं जिन्हें दंगा नियंत्रण और वीआईपी सुरक्षा से लेकर आतंकवाद विरोधी अभियानों और महिला आंदोलन के प्रबंधन तक, कई तरह की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए गठित किया गया है।
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