लखनऊ। पशुपालन विभाग का बड़ा ठेका दिलाने के नाम पर ग्वालियर के व्यापारी से करोड़ों की ठगी करने वाले निलम्बित IPS अरविंद सेन के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट की कार्रवाई की गई। धांधली में उसके साथ शामिल रहे 20 आरोपियों को गिरोहबंद किया गया है। मामले की जांच कर रही लखनऊ के हजरगंज कोतवाली की पुलिस ने यह कार्रवाई की है। इंस्पेक्टर श्यामबाबू शुक्ला ने बताया कि जालसाजी का तानाबाना बुनने वाले आशीष राय को गैंग लीडर बनाया गया है।
कुछ इस तरह से खुली पोल
हजरतगंज इंस्पेक्टर श्यामबाबू शुक्ला के मुताबिक यह गिरोह गुजरात, कनार्टक, दिल्ली व मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों के लोगों को यूपी में ठेका दिलाने के नाम पर फसाता था। मास्टरमाइंड आशीष की विधानसभा में गहरी पैठ होने की वजह से वो खुद को बड़ा अधिकारी बताकर लोगों को भरोसे में लेता था। गैंग के सदस्य व्यापारियों को गैंग लीडर आशीष से मिलवाते थे और उन्हें काम दिलवाने का भरोसा दिलाया जाता था। झांसे में आये लोगों से एडवांस कमीशन के नाम पर करोड़ों रुपए लेकर हड़प लेते थे। पोल खुलने पर व्यापारियों को गैंग में शामिल पत्रकार और पुलिस अधिकारी से धमकी दिलवाई जाती थी।
ग्वालियर के व्यापारी ने दर्ज करवाई थी रिपोर्ट
ग्वालियर मध्य प्रदेश के व्यापारी से नौ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत पर एसटीएफ ने जांच की थी। जांच में फर्जीवाड़ा उजागर हुआ और हजरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज की गई थी। इंस्पेक्टर ने बताया कि आरोपी रुपक राय, उमाशंकर तिवारी, अनिल राय, त्रिपुरेश पांडेय, सिचन वर्मा, रजनीश दीक्षित, धीरज कुमार देव, अखिलेश कुमार उर्फ एके राजीव, रघुवीर प्रसाद, संतोष मिश्रा, सुनील गुर्जर, दिलबार यादव, अमित मिश्रा, अरविंद सेन, उमेश मिश्रा, अरुण राय, प्रवीण राघव, महेंद्र तिवारी, लोकेश मिश्रा और गैंग लीडर आशीष राय के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट में रिपोर्ट दर्ज की गई है।