
नई दिल्ली। बीते कुछ हफ्तों से कोरोनावायरस की एक नई लहर ने भारत समेत दुनिया के कई देशों को फिर से सतर्क कर दिया है। मई में हांगकांग और सिंगापुर से शुरू हुई यह लहर अब भारत में भी देखी जा रही है। हालांकि पिछले तीन दिनों में एक्टिव मामलों में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे थोड़ी राहत जरूर मिली है।
17 जून तक भारत में एक्टिव केस घटकर 6836 हो गए हैं, जबकि एक दिन पहले यानी 16 जून को ये संख्या 7264 थी।
नए नाम, पुराने वैरिएंट्स – ‘Nimbus’ और ‘Stratus’ क्या हैं?
कोरोना के दो वैरिएंट्स – Nimbus (NB.1.8.1) और Stratus (XFG) हाल ही में चर्चा में हैं। ये कोई नए वायरस नहीं हैं, बल्कि ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट्स हैं जिन्हें अनौपचारिक नाम दिए गए हैं।
- Nimbus (NB.1.8.1): भारत में फैला एक तेजी से फैलने वाला लेकिन कम गंभीर वैरिएंट
- Stratus (XFG): कनाडा से शुरू हुआ अधिक संक्रामक वैरिएंट, जो अब यूरोप और भारत में भी फैल रहा है
WHO के अनुसार, ये दोनों ‘Variant Under Monitoring’ की श्रेणी में हैं – यानी अभी खतरे की बात नहीं, पर इनकी ट्रैकिंग जरूरी है।
तेजी से फैले, तेजी से घटे – संक्रमण में गिरावट क्यों?
डॉ. अनीश सिन्हा, महामारी विशेषज्ञ (IIPH, गांधीनगर) का कहना है:
“भारत जैसे बड़े देश में कोरोना का बढ़ना और फिर तेजी से घटना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है।“
विशेषज्ञों के अनुसार, देश में इम्यूनिटी लेवल और पिछले एक्सपोजर के चलते ये वैरिएंट गंभीर असर नहीं डाल रहे, लेकिन लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
बचाव ही सुरक्षा – Covid-Appropriate Behavior जरूरी
स्वास्थ्य मंत्रालय व विशेषज्ञों की सलाह:
- सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाएं
- हाथों की स्वच्छता बनाए रखें
- भीड़-भाड़ से बचें
- लक्षण दिखने पर टेस्ट कराएं और आइसोलेट हों
भारत में अब तक की स्थिति (जून 2025):
- एक्टिव केस (17 जून): 6836
- रिकवरी दर: 90%+
- वैरिएंट्स फैले: NB.1.8.1 (Nimbus), XFG (Stratus)
- वैक्सीन प्रभाव: अभी तक इन वैरिएंट्स पर वैक्सीन प्रभावी बनी हुई है