
Covid-19:“कोरोना” ये शब्द सुनकर क्या याद आता है, सुनसान सड़कें, बंद दरवाजे और दिल में एक डर कि अब क्या होगा ? 2019 में हसती-खिलखिलाती दुनिया को 2020 आते-आते कोरोना ने अपनी जद में ले लिया था। बच्चे, बूढ़े और जवान, कोरोना ने किसी को नहीं छोड़ा। दुनिया में लगभग कोई ऐसा देश नहीं था जिसने इसका दंश न झेला हो। शमशान घाटों में लगी कतारें ये बयान कर रही थी, कि लाशों का अंतिम संस्कार तक नहीं हो पा रहा।
2020 से 2022 के बीच आम जन-जीवन अस्त व्यस्त हो चुका था। काम, व्यापर, व्यवहार सब बंद था। हर तरफ नजर आ रहा था तो सिर्फ कुप्प सन्नाटा… और इस सन्नाटे के पीछे था एक डर कि कहीं हम घर से निकलें और कोरोना की जद में न आ जाएं। इतनी सावधानियों के बावजूद किसी न किसी ने अपना बेटा, माँ, पिता, बहन और करीबी खो ही दिया। जिसका दर्द वो आज तक सीने में लेकर घूम रहे है।
Covid-19 ने फिर दी दस्तक
अब जब एक बार फिर “कोरोना” दस्तक देने की कोशिश कर रहा है, तो पुराने जख्म फिर से हरे होने लगे है। “कोरोना” का वेरिएंट ओमीक्रॉन एकबार फिर पैर फ़ैलाने की कोशिश कर रहा है। ओमीक्रोन के सबवेरिएंट में LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 के मामले समूचे विश्व से सामने आ रहे है। जिसमें सबसे ज्यादा मरीज JN.1 के दिखाई पड़े है। हालाँकि WHO ने इनमें से किसी भी वेरिएंट को ज्यादा ख़तरनाक नहीं माना हैं।
लक्षण और मामले
इनके लक्षणों की बात करें तो ये नार्मल फ़्लू से समकक्ष ही हैं, जैसे बुखार, गले में खराश, खांसी, जुकाम, सिरदर्द, बदन दर्द और थकान…पर स्वाद और गंध का न आना ये कोविड का एक अलग संकेत है। नार्मल फ़्लू में स्वाद और गंध न आने जैसे लक्षण नहीं दिखाई देते। अब तक भारत में करोना के 1000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके है। अकेले केरल में ही 400 से ज्यादा मामले सामने आये हैं। दिल्ली में भी 100 से ज्यादा मामले देखने को मिले हैं। हालाँकि स्वाथ्य विभाग के अनुसार दिल्ली के सारे मरीज सही होकर घर जा चुके हैं।
लखनऊ कितना सतर्क
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोविड 19 के दो मामले देखने के मिले। मामलों की निगरानी और कोविड से बचाव की जानकारी के लिए जब दैनिक भास्कर की टीम ने लखनऊ CMO एनबी सिंह से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कहा, यह एक कम्युनिकेबल डिजीज है। हम लोगों अन्य बीमारियों की तरह इसके लिए भी तैयार हैं। जैसे हम लोग अन्य बीमारों को ट्रीटमेंट करते हैं, निदान करते हैं। उसी तरह ये भी उसकी बीमारी के लिए हम लोग अलर्ट हैं और ट्रीटमेंट हो रहा है। हालंकि उन्होंने ये स्पष्ट किया कि कोविड 19 के लिए केंद्र सरकार और स्टेट गवर्नमेंट किसी की तरफ से किसी तरह की कोई एडवाइज़री अभी नहीं आई है।
लखनऊ में कितने मामले
कोरोना पॉजिटिव मरीजों पर बात करते हुए उन्होंने कहा हमारे यहां दो मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं, दोनों की हिस्ट्री उत्तराखंड तीर्थटन की है। वहां से आने के बाद उनको दिक्कत हुई थी। लेकिन दोनों अभी तक बिल्कुल सही है और अपने घर पर है।
कोविड 19 की पहले जैसी स्थिति से लड़ने के लिए जिला प्रशाशन कितना एक्टिव है और क्या तैयारियां की गयी है इस सवाल का जवाब देते हुए CMO एनबी सिंह ने कहा, अभी भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड के लिए कोई भी एडवाइज़री जारी नहीं की है तो हम लोगों ने उससे सम्बंधित किसी प्रकार की कोई भी व्यवस्था अलग से नहीं की है। हम लोग इससे पहले भी कम्युनिकेबल डिजीज का इलाज करते आये हैं। उसी तरह से इसके लिए भी तैयार हैं और संक्रमितों का इलाज किया जा रहा है। वैक्सीनेशन के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, जब भारत सरकार की तरफ से दिशा निर्देश नहीं आते ता तक वैक्सीनेशन स्टार्ट नहीं होगा।
2021 की शुरुआत में ही भारत ने कोरोना वैक्सीन बना ली थी और इसे आम जनमानस के लिए फ्री कर कर दिया गया था। पर अभी भी भारी मात्रा में ऐसे लोग है जिन्होंने इसकी सिर्फ पहली खुरांक या दो डोज़ ही ली है। हालाँकि इसका ऑफिसियल आंकड़ा अभी स्वस्थ्य विभाग की किसी वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है। ऐसे जनता के मन में एक सवाल जरूर होगा कि क्या बदलते वेरिएंट के साथ टीका भी बदल जायेगा या फिर जिन्होंने पहला टीका लेकर आगे की खुराक नहीं ली वो खतरे में है।
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