फतेहपुर में भ्रष्टाचार बन गया शिष्टाचार: विभागों में जमकर हो रही वसूली !

  • कोटेदारों से प्रति माह हो रही वसूली की लिस्ट व ऑडियो वायरल
  • भ्रष्टाचार का वीडियो वायरल होने के बाद भी एआरटीओ प्रेम सिंह पर नहीं हुई कार्रवाई
  • बीईओ कुंअर कमल का भ्रष्टाचार सामने आने के बाद भी निलंबन की कार्रवाई दबाए बैठा है विभाग

फतेहपुर । यूपी में भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार जीरो टॉलरेंस पर काम कर रही है। करप्शन को समाप्त करने के लिए आए दिन विजिलेंस किसी न किसी विभाग के अधिकारी कर्मचारी को रिश्वत लेते हुए घसीटकर ले जाती है। फतेहपुर जनपद के कई विभागों में जमकर भ्रष्टाचार व्याप्त है ! प्रमुख अफसरों की लापरवाही से कई विभागों के जिम्मेदार अनियंत्रित हो गए हैं ।

लगभग 15 दिन पूर्व विजिलेंस ने जनपद से एक शिक्षक संदीप गुप्ता को गिरफ्तार किया था वह ऐरायां बीईओ कुंअर कमल की वसूली का काम देखता था ! शिक्षक संदीप गुप्ता को बेसिक शिक्षा अधिकारी ने तत्काल निलंबित कर दिया था मगर बीईओ कुंअर कमल का निलंबन विभाग दबाए बैठा है जबकि उसकी गिरफ्तारी न हो इसके लिए भी सेटलमेंट का दौर जारी है ! इसी तरह फतेहपुर के एआरटीओ प्रेम सिंह का ओवरलोड वाहनों को जिले से पास कराने के नाम पर एक ट्रांसपोर्टर से प्रति गाड़ी वसूली सेट करते हुए वीडियो वायरल हुआ था। इस बड़े मामले में भी जांच चल रही है मगर भ्रष्टाचार को दबाने की हर संभव कोशिश जारी है। एक ट्रांसपोर्टर ने बताया कि ये बड़ा रैकेट है, करोड़ों की वसूली होती है, सब जगह प्रोटेक्शन के नाम पर सुविधा शुल्क पहुंचता है कोई कार्रवाई नहीं होगी।

ट्रांसपोर्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उसने स्वयं अपने गाड़ी की एंट्री कराई है बिना पांच हजार प्रति वाहन दिए एआरटीओ एक भी वाहन निकलने नहीं देता। चालान कर देता है ! ट्रांसपोर्टर ने बताया कि इस भ्रष्टाचार से सभी ट्रांसपोर्टर परेशान हैं। वहीं इस मामले में जिले के एक प्रमुख नेता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर भ्रष्ट एआरटीओ प्रेम सिंह को बर्खास्त करने की मांग की है ताकि सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर लोगों का भरोसा बना रहे ! इसी तरह जिला पूर्ति विभाग में व्याप्त बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। सोशल मीडिया एक लिस्ट और ऑडियो वायरल हुआ है जिसमें कोटेदारों से प्रति माह हो रही वसूली का जिक्र किया गया है। साथ ही ऑडियो में एक व्यक्ति जो अपने आपको टीकर गांव का कोटेदार मेड़ीलाल बता रहा है वह कह रहा है कि प्रति माह पांच हजार रुपए हर कोटेदार को विभाग को देना पड़ता है ।

बताया कि कोई प्रेम नाम का व्यक्ति है जो वसूली का काम देखता है। ऑडियो वायरल होने के बाद जिला पूर्ति विभाग के भ्रष्टाचार की भी कलई खुल गई है ! विभाग के अधिकारी जांच के नाम पर पल्ला झाड़ रहे हैं और मामले को सेट करने के लिए अधीनस्थों पर दबाव डाल रहे हैं ! इस बाबत जिला पूर्ति अधिकारी सुनील पुष्कर ने कहा कि हसवा का एक मामला संज्ञान में आया था जिसमें एआरओ को जांच दी गई थी। कोटेदार की वायरल ऑडियो व लिस्ट की जानकारी नहीं है इसकी जांच कराकर पूरे मामले में कार्रवाई की जाएगी ।

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