कोरोना का कहर : दिल्ली स्वास्थ्य महकमे के सामने बड़ी चुनौती, 200 मरीजों ऐसे जिनका कोई रेकॉर्ड नहीं…

भारत में तेजी से फैले कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने पहले 21 दिन फिर 18 दिनों का लॉकडाउन किया.जिसके बाद अब कई राज्यों से मामलों में कमी आने की रिपोर्ट आ रही है लेकिन इसी बीच राजधानी दिल्ली में खतरा बरकरार है.स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में अब तक 1707 पॉजिटिव केस आ चुके हैं. जिसमें से 1,080 के तबलीगी जमातियों के हैं. 353 ऐसे मामले हैं जोकि कहीं न कहीं कोरोना पॉजिटिव मरीज के संक्रमण में आए और फिर वो भी संक्रमित हो गए लेकिन 191 मामलों का अभी तक कोई स्रोत नहीं मिल रहा है. शुक्रवार को जांच के बाद 56 नए मामले मिले.

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इन 191 पॉजिटिव केस का इतिहास खंगाल रहे हैं. आखिरकार इन लोगों तक संक्रमण कैसे पहुंचा.अगर ये लोग कहीं गए नहीं, किसी से मिले नहीं, कोई भी बाहरी यात्रा का विवरण नहीं तो फिर ये लोग संक्रमित कैसे हुए. स्वास्थ्य अधिकारी इसके लिए संघर्ष कर रहे हैं.आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कुल मामलों में, 1,080 निजामुद्दीन मार्काज़ घटना से जुड़े हैं. इसके बाद कम्यूनिटी ने फैलने वाले के 353 मामले हैं. 83 ऐसे मामले हैं जिनका यात्रा का विवरण है.लेकिन 191 पॉजिटिव केस का अभी तक कोई सुराग नहीं लग पा रहा है.

‘नियमित रूप से हो रही पूछताछ’
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 191 पॉजिटिव मामलों में अभी तक स्वास्थ्य अधिकारियों को निश्चित रूप से यह बताने में असमर्थ रहे हैं कि वो वायरस तक कैसे,कहां और कब पहुंचे हैं. जिला निगरानी अधिकारी इस बीच नियमित रूप से फोन करके और उनके किसी भी संपर्क में सीओवीआईडी -19 के लक्षण विकसित होने की जांच कर रहे हैं. अधिकारियों का कहना है, “हालांकि संख्या बहुत बड़ी नहीं है, हमें नियमित रूप से उन्हें ट्रैक करना होगा. हमें संदेह है कि इनमें से कुछ लोग पूरा विवरण साझा करने के इच्छुक नहीं हैं या पिछले दो सप्ताह में उन स्थानों को भूल गए हैं.

दिल्ली के लिए बड़ा खतरा
एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा, “दिल्ली जैसे शहर जहां एक बड़ी आबादी रहती है. यहां अगर कम्यूनिटी से वायरस फैलता है तो ये एक बड़ा खतरा हो सकता है. ऐसी महामारी के दौरान कुछ मामले ऐसे होते हैं, जो बिना पढ़े रह जाते हैं. लेकिन हम ट्रांसमिशन के स्रोत को ट्रैक करने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं. इन लोगों से हमारी टीम हर दिन संपर्क कर रही है ताकि पता लगाया जा सके कि उनके जवाबों में कोई फेरबदल है या नहीं.

बिना जानकारी संक्रमित हो रहे लोग
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों को अधिक सख्ती से पता लगाया जाना चाहिए. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा गठित पांच-सदस्यीय कोविड -19 पैनल के प्रमुख डॉ एसके सरीन ने कहा, “यह संख्या बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि जब संक्रमण रोकने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं, तो कई लोग बिना उनकी जानकारी के संक्रमित हो जाते हैं. वो नहीं जानते कि क्या वे किसी ऐसे व्यक्ति के साथ बैठे हैं जो कोरोना से संक्रमित है. बात में जब जांच होती है तो रिजल्ट पॉजिटिव आ जाता है.

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