
देश में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। गुरुवार को दिल्ली में कोविड से जुड़ी दो और मौतें दर्ज की गईं। इनमें एक पांच महीने का बच्चा भी शामिल है। दिल्ली में केरल के बाद कोरोना के सबसे ज्यादा एक्टिव 562 केस हैं।
दिल्ली में इस साल 1 जनवरी से अब तक कोरोना से सात मौतें हुई हैं। देश में कोरोना से मौत का आंकड़ा 51 पहुंच गया है। बुधवार को कोरोना से कुल 7 लोगों की जान चली गई। इनमें महाराष्ट्र में तीन, दिल्ली-कर्नाटक में दो-दो मौतें।
बुधवार को दिल्ली सहित 15 राज्यों में 564 मरीज मिले, इनमें से 437 मामले सिर्फ 4 राज्यों से हैं। केरल में सबसे ज्यादा 114, कर्नाटक में 112, पश्चिम बंगाल में 106 और दिल्ली में 105 केस सामने आए। इस तरह देश में एक्टिव केस की संख्या 4866 हो गई है।
इस बीच, केंद्र सरकार गुरुवार को देश भर के राज्यों के चुनिंदा अस्पतालों में मॉक ड्रिल करेगी। इस दौरान इन अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई, जरूरी दवाओं की स्थिति और वेंटिलेटर की व्यवस्थाओं को परखा जाएगा। इससे बनी रिपोर्ट में कोरोना की चौथी लहर आने की स्थिति में अस्पतालों की तैयारियों पर रेटिंग दी जाएगी।
इससे पहले 2 जून को एक शुरुआती मॉक ड्रिल हुई थी। इसमें हेल्थ सर्विस इन्फ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता के लिए अस्पतालों की रेटिंग दी गई थी। इसमें लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन टैंक, प्रेशर स्विंग एडजॉर्पशन प्लांट और मेडिकल गैस पाइपलाइन सिस्टम पर फोकस किया गया था।
राज्यों से कोरोना अपडेट…
- केरल: स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों को कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा के लक्षणों वाले मरीजों का इलाज करते समय जून 2023 में जारी की गई कोविड गाइडलाइन पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। अस्पतालों में सभी को मास्क लगाना अनिवार्य है। साथ ही जुकाम, खांसी और बुखार जैसे लक्षण वाले मरीजों का कोविड टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है।
- महाराष्ट्र: राज्य सरकार के मुताबिक राज्य में जनवरी से अब तक मरने वालों की कुल संख्या 17 है। इनमें से 16 अन्य बीमारियों से भी पीड़ित थे। इस साल अब तक 13,707 सैंपल की टेस्टिंग हुई है। इनमें से 1064 कोविड पॉजिटिव आए।
- गुजरात: सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 508 कोरोना मरीजों में से 18 अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि 490 होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे हैं। प्रेस रिलीज में कहा गया है कि आमतौर पर 6 या 8 महीनों में कोविड-19 मामलों में बढ़ोतरी देखी जाती है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है।
- कर्नाटक: गुलबर्गा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ने में 25 बेड का कोविड वार्ड बनाया गया है। इनमें से पांच-पांच बेड ICU (वेंटिलेटर समेत), हाई डिपेंडेंसी यूनिट और पांच प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए हैं। बाकी 10 नॉर्मल बेड हैं।
- उत्तराखंड: राज्य सरकार ने बुधवार को गाइडलाइन जारी कर जिला प्रशासन से अस्पतालों में ऑक्सीजन तथा जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। इसके अलावा इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों, सांस की जुड़े गंभीर इंफेक्शन और कोविड मामलों की रिपोर्टिंग करने के भी निर्देश दिए हैं।
- सिक्किम: राज्य के स्वास्थ्य मंत्री जीटी धुंगेल ने बताया कि 29 मई से अब तक राज्य में 526 सैंपल की टेस्टिंग की गई। इनमें से 15 लोग पॉजिटिव पाए गए। इसके बाद सभी अस्पतालों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना, मास्क पहनना और सैनिटाइजर का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है।
- हिमाचल प्रदेश: राज्य में कोविड का पहला मामला सामने आने बाद बुधवार को अस्पताल में सभी को मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया। सिरमौर जिले के नाहन में 3 जून को पहला केस मिला था।
- ओडिशा: सरकार ने बुधवार को बताया कि पिछले 546 सैंपल की जांच हुई। इनमें से 23 पॉजिटिव पाए गए। चार मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 19 होम आइसोलेशन में हैं।
भारत में मिले कोविड-19 के 4 नए वैरिएंट भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच देश में चार नए वैरिएंट मिले हैं। ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से जिन वैरिएंट की सीक्वेंसिंग की गई है, वे LF.7, XFG , JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के हैं।
बाकी जगहों से नमूने लेकर सीक्वेंसिंग की जा रही है, ताकि नए वैरिएंट की जांच की जा सके। मामले बहुत गंभीर नहीं हैं और लोगों को चिंता नहीं करनी चाहिए, बस सतर्क रहना चाहिए।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने भी इन्हें चिंताजनक नहीं माना है। हालांकि निगरानी में रखे गए वैरिएंट के रूप में कैटेगराइज किया है। चीन सहित एशिया के दूसरे देशों में कोविड के बढ़ते मामलों में यही वैरिएंट दिख रहा है।
NB.1.8.1 के A435S, V445H, और T478I जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैलते हैं। इन पर कोविड के खिलाफ बनी इम्यूनिटी का भी असर नहीं होता।
भारत में कोविड का JN.1 वैरिएंट सबसे आम है। टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल में यह वैरिएंट मिलता है। इसके बाद BA.2 (26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वैरिएंट के मामले भी मिलते हैं।
JN.1 वैरिएंट इम्यूनिटी कमजोर करता है JN.1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है। इसे अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में WHO ने इसे ‘वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया। इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी कमजोर करते हैं।
अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार JN.1 अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। दुनिया के कई हिस्सों में यह सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है।
JN.1 वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। अगर आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो हो सकता है कि आपको लंबे समय तक रहने वाला कोविड हो। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें COVID-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं।