लखनऊ। कोरोना वायरस का अब संक्रमण तो काफी कम हो गया है. ऐसे में अस्पतालों के ऑपरेशन थियेटर (ओटी) फुल फ्लैश शुरू होंगे. लिहाजा, ऑपरेशन की वेटिंग घटेगी. इससे मरीजों को राहत मिलेगी, केजीएमयू और लोहिया संस्थान में पूरी क्षमता से सभी ऑपरेशन थिएटर (ओटी) चलेंगे. कोरोना संक्रमण के दौरान 50 फीसदी ओटी का संचालन बंद था।
केजीएमयू में करीब 40 ऑपरेशन थिएटर हैं. इनमें रोजाना 100 मेजर ऑपरेशन होते हैं. जनवरी में कोरोना संक्रमण बढ़ गया था. ऐसे में डॉक्टरों की ड्यूटी कोविड अस्पताल में लगाकर ओटी की संख्या घटा दी गई है. डॉक्टर मरीजों को ऑपरेशन की तारीख दे रहे थे।
आपको बता दे करीब 200 से ज्यादा मरीज ऑपरेशन के इंतजार में हैं. ये मरीज जनरल सर्जरी, न्यूरो, सीटीवीएस, दिल, कैंसर, मुंह, ईएनटी, पेट, हड्डी समेत दूसरी बीमारी से पीड़ित शामिल हैं. यही हाल लोहिया संस्थान का है. यहां 20 से ज्यादा ओटी हैं. इनमें 40 से 50 ऑपरेशन रोज हो रहे थे. संक्रमण की वजह से संख्या में कमी आ गई थी. मरीजों को ऑपरेशन की तारीख दी जा रही थी. 50 से अधिक मरीज ऑपरेशन के इंतजार में हैं।
केजीएमयू में नर्सों का संकट दूर होगा. लोक सेवा आयोग ने केजीएमयू के लिए नर्स भर्ती की प्रक्रिया पूरी कर ली है. अब इन नर्स की तैनाती होनी है. इसको देखते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने सभी विभागाध्यक्षों को पत्र भेजकर उनके यहां की आवश्यकता को देखते हुए जानकारी मांगी है. ऐसे में अगले महीने में हर विभाग को जरूरत के हिसाब से नर्स उपलब्ध हो जाएंगीं. केजीएमयू ने नर्स के 988 पदों पर भर्ती करने के लिए शासन से अनुमति मांगी थी. अनुमति मिलने के बाद लोक सेवा आयोग को इसकी नियुक्ति की जिम्मेदारी दी गई थी।
केजीएमयू प्रशासन ने मातृत्व एवं बाल्य देखभाल अवकाश के लिए शपथ पत्र की अनिवार्यता का आदेश रद्द कर दिया है. कुलसचिव ने इस आशय का आदेश जारी कर दिया है. इससे डॉक्टर और कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है. केजीएमयू में 450 डॉक्टर तैनात हैं. करीब एक हजार रेजिडेंट डॉक्टर हैं. वहीं, करीब आठ हजार पैरामेडिकल, स्टॉफ नर्स और कर्मचारी शामिल हैं. कुलसचिव आशुतोष कुमार द्विवेदी ने अवकाश से पहले शपथ पत्र देने की बात कही थी. कर्मचारियों ने आदेश का विरोध किया. इसके बाद केजीएमयू प्रशासन ने शपथ पत्र की अनिवार्यता का आदेश रद्द कर दिया है।