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लखनऊ । यह घटना पाकिस्तान की जेल में बंद एक भारतीय नागरिक, बादल बाबू (अब आदल), की है, जो अपनी प्रेमिका सना रानी के लिए एक प्रेम पत्र लिखता है। वह सना से बहुत प्यार करता है और इस्लाम धर्म अपनाकर अपना नाम बदलकर आदल रख लिया है।
पत्र में उसने यह भी लिखा है कि वह पाकिस्तान में ही सना के साथ रहना चाहता है और कभी भारत नहीं लौटेगा। उसने यह भी कहा कि वह जेल में रोजा रखता है और नमाज पढ़ता है। पाकिस्तान में उसके अधिवक्ता फियाज रामे ने 28 फरवरी को बादल के पिता कृपाल सिंह को फोन पर बताया कि पुलिस ने अपनी जांच पूरी कर विस्तृत चार्ज शीट न्यायालय में दायर कर दी है। इसमें बादल बाबू को खुफिया एजेंट नहीं माना है।
पाकिस्तानी पुलिस ने बादल बाबू को खुफिया एजेंट नहीं माना और उस पर आरोप लगाया कि उसने केवल एक युवती से मिलने के लिए अवैध तरीके से बॉर्डर पार किया। पत्र में उसने यह भी लिखा है कि उर्दू उसे नहीं आती, इसीलिए हिंदी में पत्र लिखा है। वह मोाबाइल के द्वारा उर्दू में ट्रांसलेट करके पढ़े और उसके प्यार को समझे। इस आधार पर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है।
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पत्र में बादल बाबू ने अपनी भावनाओं को सना तक पहुंचाने के लिए हिंदी में लिखा और उर्दू में अनुवाद करवाया ताकि सना के परिवार वाले भी उसे समझ सकें। यह घटना यह दर्शाती है कि बादल बाबू का प्यार और विश्वास सना के प्रति कितना गहरा है, साथ ही साथ यह भी दिखाता है कि वह अपनी स्थिति के बावजूद अपने भावनाओं का इज़हार करने से पीछे नहीं हट रहा है।