
पूरनपुर, पीलीभीत। नगर कोतवाली की दीवार पर राम दरबार की मूर्ति लगाए जाने को लेकर शहर में विवाद खड़ा हो गया है। हिंदू संगठनों ने इसे धार्मिक आस्था का अपमान बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है। उधर, चेयरमैन ने विरोधियों को करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि जिन्हें पांच वोट नहीं मिले वही विरोध कर रहे हैं।
यह मामला शुक्रवार को नगर के प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ताओं और धार्मिक संगठनों ने उपजिलाधिकारी पूरनपुर अजीत प्रताप सिंह को ज्ञापन सौंपते देकर उठाया था, उन्होंने तत्काल मूर्ति हटाने की मांग की थी, लेकिन तस्वीर नहीं हटाई गई। मगर नगर पालिका अध्यक्ष शैलेन्द्र गुप्ता का जबाव आ गया है, उन्होंने पीलीभीत के ओवर ब्रिज के नीचे बनी तस्वीरों का हवाला देते हुए विरोध को नकार दिया है।
श्रीराम दरबार मंदिरों में पूजनीय, गंदगी वाली दीवार पर क्यों?
ज्ञापन में कहा गया है कि श्रीराम दरबार एक पूजनीय धार्मिक प्रतीक है जिसे स्वच्छ, शांत और पवित्र वातावरण में मंदिरों में स्थापित किया जाता है। लेकिन नगर कोतवाली की दीवार, जिस पर आम तौर पर लोग थूक देते हैं और गंदगी जमा होती है, वहां इस तरह की पवित्र तस्वीर लगाना न केवल धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ है बल्कि सीधा अपमान भी है।
राजनीतिक लाभ के लिए हो रहा आस्था का इस्तेमाल
ज्ञापन में कहा गया कि ऐसी मूर्तियों को कहीं न कहीं राजनीतिक लाभ उठाने की मंशा से लगाया गया है, धार्मिक भावनाओं का उपयोग वोट बैंक साधने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। इस तरह की हरकतें जनता के बीच तनाव का कारण बन सकती हैं।
हिंदू संगठनों की चेतावनी: हटे मूर्ति वरना होगा आंदोलन
हिंदू संगठनों ने प्रशासन को साफ चेतावनी दी है कि यदि ऐसी जगहों से मूर्ति को तुरंत न हटाया गया तो वे बाध्य होकर आंदोलन की राह चुनेंगे। उन्होंने प्रशासन को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है।
प्रशासन की भूमिका पर उठा रहे सवाल
विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि नगर पालिका को ऐसी मूर्ति लगाने की अनुमति आखिर क्यों दी, क्या अधिकारियों ने इस बात का ध्यान नहीं रखा कि यह स्थान धार्मिक दृष्टि से उपयुक्त नहीं है।
भाजपा चेयरमैन का यह लोग कर रहे विरोध
तस्वीर प्रकरण को लेकर भाजपा चेयरमैन शैलेन्द्र गुप्ता का विरोध करने वालों में त्रिभुवन शर्मा, नित्यानंद ,विनोद शर्मा, गंगाशरण, प्रवीण कुमार, कुंदन कुमार, अरुण तिवारी, राजेश मिश्रा, शैलेन्द्र शर्मा
शामिल हैं।
मामला गरमाया, अगले कदम पर नजर
इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब सभी की नजर प्रशासन के अगले कदम पर टिकी है। यदि मूर्ति नहीं हटाई जाती तो आंदोलन शुरू होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। धार्मिक आस्था का मुद्दा अब नगर में बड़ा जनभावना का विषय बन चुका है।
इंसेट बयान – शैलेन्द्र गुप्ता न0पा0 अध्यक्ष, पूरनपुर।
“श्रीराम दरबार की प्रतिमा ठीक स्थान पर लगाई गई है। इससे किसी को दिक्कत नहीं है। लेकिन कुछ लोगों को व्यक्तिगत दिक्कत हो रही है।”