
लखीमपुर-खीरी। रेलगाड़ी में यात्री को गोली मारने वाले आरोपी जीआरपी सिपाही का चालान कर अदालत ने उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है। जीआरपी पुलिस चौकी मैलानी पर तैनात सिपाही अमित सिंह की गुरुवार को मैलानी-बहराइच सवारी गाड़ी संख्या 05362 पर यात्री सुरक्षा ड्यूटी थी। यात्री गाड़ी के पलिया कलां रेलवे स्टेशन से छूटने के बाद सिपाही अमित सिंह और थाना सिंगाही के गांव चितिहा निवासी यात्री 55 वर्षीय मुन्ना लाल तिवारी से किसी बात को लेकर विवाद हो गया था।
जिस पर सिपाही ने मुन्नालाल तिवारी के पैर में गोली मार दी थी, जिससे वह घायल हो गया था। सिपाही का आरोप है कि मुन्नालाल ने उस पर चाकू से हमला कर पिस्टल छीनने की कोशिश की थी। उसने आत्मरक्षा में पिस्टल से उसके पैर में गोली मारी थी। तिकुनियां रेलवे स्टेशन पर घायल यात्री को ट्रेन से उतारकर निघासन सीएचसी ले जाया गया था, जहां करीब 10 मिनट तक चले उपचार के बाद मु्न्ना लाल तिवारी की मौत हो गई थी।
सिपाही को कोतवाली तिकुनियां पुलिस ने हिरासत में लेकर थाना निघासन भेजा था। रात में एडीजे रेलवे पीयूष आनंद, आईजी लखनऊ रेंज तरुण गाबा, एसपी जीआरपी लखनऊ पूजा यादव समेत कई जीआरपी के कई आला अफसर भी निघासन पहुंचे थे और आरोपी सिपाही से पूछताछ की थी। राजकीय रेलवे पुलिस ने मृतक के भाई अनिल कुमार तिवारी की तहरीर पर थाना लखीमपुर में आरोपी सिपाही के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था। शुक्रवार को जीआरपी पुलिस ने आरोपी सिपाही का चालान कर कोर्ट में पेश किया, जहां से अदालत ने उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। एसओ जीआरपी थानाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने बताया कि शुक्रवार को आरोपी सिपाही अमित सिंह का चालान कर अदालत में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है। मामले की जांच की जा रही है।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कराया गया मुन्ना लाल का अंतिम संस्कार
लखीमपुर-खीरी। गुरुवार की सुबह मैलानी से बहराइच जा रही पैसेंजर ट्रेन में जीआरपी मैलानी के सिपाही अमित सिंह का थाना सिंगाही के गांव चितिहा निवासी यात्री 55 वर्षीय मुन्ना लाल तिवारी से विवाद हो गया था। जिस पर सिपाही ने मुन्नालाल तिवारी के पैर में गोली मार दी थी, जिससे वह घायल हो गया था। तिकुनियां रेलवे स्टेशन पर घायल यात्री को ट्रेन से उतारकर निघासन सीएचसी ले जाया गया था, जहां करीब 10 मिनट चले उपचार के बाद मु्न्ना लाल की मौत हो गई थी।
रात में एडीजे रेलवे पीयूष आनंद, आईजी लखनऊ रेंज तरुण गाबा, एसपी जीआरपी लखनऊ जूजा यादव समेत कई जीआरपी के आलाधिकारी भी निघासन पहुंचे थे। जीआरपी ने मृतक के भाई अनिल कुमार तिवारी की तहरीर पर आरोपी सिपाही के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भेजा था, लेकिन रात अधिक होने के कारण पोस्टमार्टम नहीं हो सका था। शव का गुरुवार को पोस्टमार्टम कराया गया। सुबह से ही एएसपी डॉ. सुरेंद्र कुमार सिंह, एसडीएम सदर श्रद्धा सिंह, सीओ सिटी संदीप सिंह और शहर कोतवाल चंद्रशेखर सिंह पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए। पोस्टमार्टम हाउस पर भारी पुलिस बल को तैनात किया गया था। पोस्टमार्टम शुरू होने से पहले मृतक के भाई ने शव का एक्स-रे कराने की मांग की। जिस पर पुलिस एसडीएम और सीओ सिटी शव वाहन से शव लेकर जिला अस्पताल पहुंचे और एक्स-रे कराया। उसके बाद शव पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा।
डीएम महेंद्र बहादुर सिंह और एसपी संजीव सुमन भी पोस्टमार्टम पहुंच गए। तीन डॉक्टरों के पैनल ने शव का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी कराई गई। करीब पौन घंटे तक चली पोस्टमार्टम प्रक्रिया के बाद शव वाहन से कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस परिजनों के साथ शव को लेकर गांव चितिहा पहुंची। शव पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया। तमाम लोगों की भीड़ मृतक के घर पर जुट गई, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था कड़ी होने के कारण लोगों में पुलिस का खौफ था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत होने की वजह अत्यधिक रक्तश्राव बताया गया है। इसके अलावा अन्य कोई चोट के निशान नहीं मिले हैं। शव पहुंचने के बाद परिवार वालों ने गांव के बाहर श्मसान घाट पर शव का अंतिम संस्कार कर दिया। अंतिम संस्कार होने के बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत महसूस की।