असम में मंदिरों को नुकसान पहुंचाने की साजिश का खुलासा, CM ने दिए देखते ही गोली मारने के निर्देश

असम के धुबरी ज़िले में सांप्रदायिक तनाव के बाद मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की बड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है। कुछ दिनों पहले ईद के मौके पर धुबरी में एक मंदिर में गो मांस फेंक दिया गया था जिसके बाद राज्य में सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया था। अब असम के मुख्यमंत्री सरमा ने कहा है, “धुबरी में एक विशेष वर्ग हमारे मंदिरों को क्षति पहुंचाने की नीयत से सक्रिय हो चुका है। हमने देखते की गोली मारने के आदेश दे दिए हैं।” सरमा ने X पर एक अन्य पोस्ट में लिखा है, “इस बार ईद पर कुछ असामाजिक तत्वों ने धुबरी के हनुमान मंदिर में गौ मांस फेंककर घृणित और निंदनीय अपराध किया! आगामी ईद पर अगर आवश्यकता पड़ी, तो मैं खुद रात भर हनुमान बाबा के मंदिर में पहरेदारी करूंगा।”  

धुबरी में गो मांस माफिया: असम CM

असम के मुख्यमंत्री का कहना है कि धुबरी में नया गो मांस माफिया सामने आया है और इस माफिया से पहले हज़ारों पशुओं की खरीद की है। साथ ही उनका कहना है कि इसमें जो भी अपराधी शामिल हैं उन्हें सलाखों के पीछे डाला जिया जाएगा। उन्होंने कहा, “मैंने धुबरी का दौरा किया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे हमारे मंदिरों और पवित्र स्थानों को अपवित्र करने वाले तत्वों के खिलाफ जीरो सहनशीलता का पालन करें। शहर के हनुमान मंदिर में गोमांस फेंकने की घटना कभी नहीं होनी चाहिए थी और इसमें शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।” सीएम ने कहा है कि सरकार जिले में कानून-व्यवस्था को लागू करने और सभी सांप्रदायिक ताकतों को हराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सीएम सरमा ने कहा कि हाल ही में असम और बांग्लादेश में कुछ राजनीतिक परिवर्तन हुए हैं जिसके बाद एक विशेष वर्ग ऑनलाइन और ज़मीनी स्तर पर अत्यधिक सक्रिय हो गया है। उन्होंने कहा कि इन लोगों के द्वारा राज्य में एक सुनियोजित तरीके से नकारात्मक वातावरण बनाने का प्रयास किया जा रहा है जैसे कि धुबरी के हनुमान मंदिर में गो मांस फेंकने की घटना है।

क्या था मामला?

असम के धुबरी जिले में मंदिर के पास मांस फेंके जाने के विरोध में हुए प्रदर्शनों के बाद उपजे सांप्रदायिक तनाव के कारण हालात बिगड़ गए थे, लेकिन अब स्थिति में सुधार होने पर मंगलवार को जिला प्रशासन ने निषेधाज्ञा हटा ली है और सभी दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी गई है। धुबरी शहर में रविवार को हुई इस घटना के बाद पुलिस को हालात नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे।

सोमवार को कुछ असामाजिक तत्वों ने सब्जी विक्रेताओं और ई-रिक्शा चालकों पर हमला किया, जिसे पुलिस ने तत्काल नियंत्रित किया। हालात को देखते हुए बीएनएसएस की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई थी और पांच से अधिक लोगों के एकत्र होने, प्रदर्शन और जुलूस पर रोक लगा दी गई थी।

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