लखनऊ। उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड सहित 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस राजस्थान के उदयपुर में 13 से 15 मई तक चिंतन शिविर लगाएगी। चिंतन शिविर में कांग्रेस 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर मंथन करेगी। इसमें कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी, राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, सीएम भूपेश बघेल, सीएम अशोक गहलोत के अलावा देश के सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष शामिल होंगे।
जाने कौन यूपी का प्रतिनिधित्व ?
इस चिंतन शिविर में यूपी का प्रतिनिधित्व कौन करेगा? यह सवाल इसलिए है क्योंकि अभी तक कांग्रेस यूपी में अपना कैप्टन नहीं चुन पाई है। 10 मार्च को यूपी चुनाव में मिली हार के बाद यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने इस्तीफा दे दिया था। तब से अभी तक यूपी में कांग्रेस ने किसी को अध्यक्ष नहीं बनाया है। ऐसे में चर्चा है कि चिंतन शिविर से पहले यूपी कांग्रेस को नया अध्यक्ष मिल सकता है।
कांग्रेस कार्य समिति की बैठक 9 मई को
चिंतन शिविर से पहले दिल्ली में कांग्रेस कार्य समिति यानी CWC की बैठक 9 मई को होगी। माना जा रहा है कि बैठक में चिंतन शिविर के एजेंडे के साथ कांग्रेस के भविष्य की रणनीति पर चर्चा होगी। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिहाज से कांग्रेस के लिए उत्तर प्रदेश बेहद खास है, लेकिन 10 मार्च को यूपी चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश को लेकर कांग्रेस कोई बड़ा फैसला नहीं कर पाई है। ऐसे में कांग्रेस कार्य समिति में जब भविष्य की चर्चा होगी तो यूपी कांग्रेस के नए अध्यक्ष के नाम पर चर्चा भी संभव है।
प्रदेश अध्यक्ष को लेकर जाने किस पर लगेगी मुहर ?
कांग्रेस के पास यूपी प्रदेश अध्यक्ष के लिए कैंडिडेट्स की लंबी फेहरिस्त है, लेकिन 80 लोकसभा सीटों वाले इस प्रदेश की बागडोर किसको देनी चाहिए। इसके लिए कांग्रेस PK यानी पॉलिटिकल स्ट्रेटजिस्ट प्रशांत किशोर के फार्मूले पर भी विचार कर रही है। पीके ने यूपी प्रदेश अध्यक्ष के लिए ‘2 फॉर्मूले’ दिए थे।
फॉर्मूला नंबर 1- प्रदेश को चार जोन में बांटकर चारों के अलग-अलग अध्यक्ष बनाए जाएं ताकि पूरे प्रदेश पर कांग्रेस बेहतर पकड़ बना सके। इससे हर जोन में बूथ लेवल तक के कार्यकर्ताओं से मेल जोल बढ़ाने में आसानी होगी।
फॉर्मूला नंबर 2- पार्टी का एक प्रदेश अध्यक्ष हो, जिसके नीचे चारों जोन के 4 कार्यकारी अध्यक्ष हों। इससे निगरानी व्यवस्था के मैनेजमेंट को और बेहतर किया जा सकेगा। चारों कार्यकारी अध्यक्ष प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष टॉप लीडरशिप को रिपोर्ट करेंगे।
अध्यक्ष रेस में शामिल ये नाम
अब फार्मूला चाहे जो भी हो लेकिन इन 6 नामों की चर्चा सबसे ज्यादा है। पीएल पुनिया, प्रमोद तिवारी, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, आचार्य प्रमोद कृष्णम, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री और विधायक वीरेंद्र चौधरी। कहा जा रहा है कि यूपी में कांग्रेस जातीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए ही किसी चेहरे पर मुहर लगाएगी।
लोकसभा 2024 के लिए जरूरी ये समीकरण
प्रशासनिक अधिकारी से नेता बने पीएल पुनिया प्रदेश में कांग्रेस का दलित चेहरा हैं। उनके जरिए एक बार फिर पार्टी प्रदेश में अपने पैर जमाने की कोशिश कर सकती है। प्रमोद तिवारी ब्राह्मण नेता हैं और प्रतापगढ़ की रामपुर खास सीट से 9 बार विधायक रहे हैं। नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पार्टी मुस्लिम चेहरे के तौर पर मौका दे सकती है, लेकिन मना जा रहा है कि लोकसभा के लिहाज से कांग्रेस यूपी में फिलहाल किसी ब्राह्मण, दलित या फिर किसी OBC चेहरे को मौका दे सकती है।
नसीमुद्दीन सिद्दीकी- बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। मायावती से मनमुटाव के बाद गंभीर आरोप लगाकर बसपा छोड़ दी। कांग्रेस में शामिल हुए। कांग्रेस ने मीडिया सेल का इंचार्ज बनाया।
प्रमोद कृष्णम- लखनऊ से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। ब्राह्मणों के मुद्दों को लेकर मुखर हैं। हाल ही में आजम खान से मुलाकात की थी।
निर्मल खत्री- 2 बार सांसद रहे हैं। सरल और विनम्र नेता हैं। एक बार प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। फिलहाल हाशिए पर हैं।
प्रमोद तिवारी- कांग्रेस के दिग्गज नेता। 9 बार विधायक रहे हैं। राज्यसभा सदस्य रहे हैं। यूपी सरकार में 2 बार मंत्री रहे हैं। फिलहाल बेटी आराधना मिश्रा मोना रामपुर खास से विधायक हैं।
वीरेंद्र चौधरी- कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष रह चुके हैं। वीरेंद्र चौधरी ने इस बार फरेंदा विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की है। इससे पहले चार बार से वह लगातार हार रहे थे।