राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में शुक्रवार काे प्रदेश में धान खरीद समेत किसानों के मुद्दों को लेकर पत्रकारवार्ता कर भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला है। दीपक बैज ने कहा कि सरकार धान नहीं खरीदने का षड्यंत्र कर रही है। विष्णुदेव साय सरकार की नई नीति से स्पष्ट है कि वह किसानों से धान खरीद कम करना चाहती है।
बैज ने कहा कि इस बार 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य है। इसके लिए सरकारी छुट्टियों को घटाकर कुल 47 दिन मिल रहे हैं। इसका मतलब यह है कि प्रतिदिन सरकार को लगभग साढ़े तीन लाख मिट्रिक टन की ख़रीद प्रति दिन करनी होगी, तब जाकर लक्ष्य पूरा होगा। वर्तमान में जिस रफ्तार से धान खरीदी हो रही है उसमें लक्ष्य प्राप्त करना असंभव लग रहा है। समतियों को निर्देश है कि एक दिन में अधिकतम 752 क्विंटल यानी 1880 कट्टा धान ही खरीदा जाना है। ऐसे में एक किसान का शेष धान के लिये उसको आगामी दिनों की तारीख दी जा रही है।
दीपक बैज ने कहा कि सरकार ने यह घोषणा किया है कि 72 घंटे में किसानों के खाते में पैसा आएगा, लेकिन जो लोग 14 नवंबर को धान बेचे थे, उनके खाते में रकम नहीं आया है, जो रकम आ रहा है वह एक मुश्त 3100 नहीं है। (जो समर्थन मूल्य है उतना) सिर्फ 2300 रुपये प्रति क्विंटल ही आ रहा है।
बैज ने कहा कि धान खरीद केंद्रों में टोकन नहीं जारी किया जा रहा है। किसान घंटों खड़े रहते हैं, आनलाइन टोकन सिस्टम के कारण किसानों को 15 दिन बाद का भी टोकन नहीं मिल रहा है। धान की कीमत का भुगतान 3217 रुपये में करें, क्योंकि 3100 रुपये भाजपा ने अपने चुनावी वायदे में कहा था। केन्द्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 117 रुपये बढ़ा दिया है। इस कारण इस वर्ष धान की खरीद 3100 रुपये से बढ़ाकर 3217 रुपये किया जाए। कांग्रेस के समय भी कांग्रेस ने धान का समर्थन मूल्य 2500 देने का वादा किया था, लेकिन समर्थन मूल्य बढ़ने पर कांग्रेस ने 2640 रुपये में धान खरीदा था।
बैज ने कहा कि धान उपार्जन की कांग्रेस सरकार की नीति को भाजपा सरकार ने बदल दिया है। नई नीति के अनुसार 72 घंटे में बफ़र स्टॉक के उठाव की नीति को बदल दिया है। पहले इस प्रावधान के होने से समितियों के पास यह अधिकार होता था कि वे समय सीमा में उठाव न होने पर चुनौती दे सकें। अब जो बदलाव हुआ है उसके बाद बफ़र स्टॉक के उठाव की कोई सीमा ही नहीं है। धान खरीद केन्द्रो में जगह की कमी आ रही है। पहले मार्कफ़ेड द्वारा समस्त धान का निपटान 28 फ़रवरी तक कर देने की बाध्यता रखी गई थी। अब इसे बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया गया है। धान खरीद बंद होगी 31 जनवरी को, यानी समितियों/संग्रहण केंद्रों में धान अब दो महीने तक रखा रहेगा। उन्होंने कहा कि धान मिलिंग के लिए साय सरकार ने मिलर के लिए 120 रुपये को घटाकर 60 रुपये कर दिया है। इस कारण राइस मिलर हड़ताल पर है। धान समितियों में जाम है।
पत्रकारवार्ता में पूर्व मंत्री अमितेश शुक्ल, पूर्व मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, पूर्व सांसद छाया वर्मा, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, जिला अध्यक्ष उधोराम वर्मा, महामंत्री सकलेन कादार, प्रदेश कांग्रेस वरिष्ठ प्रवक्ता आरपी सिंह, धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, किसान कांग्रेस अध्यक्ष अभिषेक मिश्रा, प्रवक्ता सत्य प्रकाश सिंह, प्रवक्ता वंदना राजपूत उपस्थित थे।