लखनऊ। यूपीए चेयरपर्सन और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में कांग्रेस पार्टी की करारी हार हुई है। यहां की एक भी सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव जीतना तो दूर रनर अप भी नहीं रहा। कांग्रेस के लिए हालात यहां इस कदर बदतर हुए हैं कि छह में तीन सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा सके।
विधानसभा चुनावों में ऐसी करारी शिकस्त कांग्रेस को इससे पूर्व नहीं मिली थी। वहीं रायबरेली में भाजपा को भी महज दो ही सीट नसीब हुई। सदर से कांग्रेस की बागी अदिति सिंह ने भाजपा से जीत दर्ज की, वहीं सलोन से भाजपा के अशोक कोरी ने जीत दर्ज की। बाकी सभी चारों सीट पर समाजवादी पार्टी ने ही अपना परचम लहराया।
रायबरेली की ऊंचाहार विधानसभा सीट से सपा प्रत्याशी मनोज पांडेय जीत की हैट्रिक लगाने में कामयाब रहे। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी अमरपाल मौर्य को हराया। मनोज 2012 से लगातार इस सीट पर सपा प्रत्याशी के रुप में चुने जा रहे हैं। इससे पहले के दोनों चुनाव में मनोज ने स्वामी प्रसाद मौर्या के बेटे उत्कृष्ट मौर्या को हराया था।
इस बार चुनाव के ठीक पहले स्वामी प्रसाद मौर्या ने भाजपा छोड़कर सपा में आ गए थे। यही कारण था कि कयास लगाए जा रहे थे कि समाजवादी पार्टी यहां से मनोज पांडेय का टिकट काट सकती है। मगर, अखिलेश यादव ने मनोज पर भी भरोसा जताते हुए उन्हें फिर से टिकट दिया और यह सीट सपा के खेमे में आई।
अदिति को सपा से मिली टक्कर
रायबरेली सदर से कांग्रेस से बगावत करके भाजपा में अदिति सिंह शामिल हुईं, तो वहीं समाजवादी पार्टी ने आरपी यादव को उम्मीदवार बनाया। आरपी यादव ने अदिति सिंह को कड़ी टक्कर देते हुए अंतिम राउंड तक सपा की उम्मीदों को बनाए रखा। अदिति सिंह को यहां कुल एक लाख दो हजार 429 वोट मिले। वहीं आरपी यादव को 95 हजार 254 वोट मिले।
मत प्रतिशत की बात करें तो अदिति के खाते में 44.51 फीसदी वोट, वहीं आरपी यादव के खाते में 41.4 फीसदी वोट आए। इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई। पिछली बार कांग्रेस के टिकट पर अदिति ने यहां से 90 हजार से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की थी।
साल 2017 के चुनाव में भाजपा ने रायबरेली की सरेनी, सलोन और बछरावां तीनों विधानसभा सीट में जीत दर्ज की थी। उधर, हरचंदपुर सीट से कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह के भाई राकेश प्रताप सिंह 2017 का करिश्मा 2022 नहीं कर सके।
इस बार उन्हें सपा प्रत्याशी राहुल राजपूत के हाथों करारी शिकस्त मिली। वहीं, सरेनी में भी भाजपा प्रत्याशी धीरेंद्र प्रताप सिंह की हार हुई। साल 2017 में धीरेंद्र ने सपा प्रत्याशी रहे देवेंद्र प्रताप सिंह को हराया था। इस बार देवेंद्र प्रताप सिंह ने धीरेंद्र को शिकस्त दी। देवेंद्र इससे पहले 2012 में भी यहां से विधायक चुने गए थे।
सलोन में भाजपा ने दिवंगत विधायक दल बहादुर कोरी के बेटे अशोक कुमार को उम्मीदवार बनाया था। उन्होंने 87 हजार 715 वोट मिले। उन्हें सपा के जगदीश प्रसाद से कड़ी टक्कर मिली। जगदीश प्रसाद ने 85 हजार 604 मत प्राप्त किए। यहां से अशोक कोरी चुनाव जीत गए हैं।
65 हजार 747 वोट के साथ श्याम सुंदर भारती ने बछरावां से जीत दर्ज की। इस सुरक्षित सीट को भाजपा ने सहयोगी के सहयोगी पार्टी अपना दल के लिए छोड़ दिया था। अपना दल प्रत्याशी लक्ष्मीकांत को 62 हजार 933 वोट मिले। यहां कांग्रेस के उम्मीदवार सुशील पासी को भी 56 हजार 837 वोट मिले। यहां त्रिकोणीय मुकाबला रहा। पर अंत में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की।