प्रियंका गांधी की अगुवाई में यूपी में 2027 चुनाव लड़ने की तैयारी में कांग्रेस! कांग्रेस मुख्यालय से आई इन तस्वीरों ने दिए संकेत

उत्तर प्रदेश में वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने शुरुआती तैयारियां तेज कर दी हैं। पार्टी आगामी चुनाव में एक बार फिर प्रियंका गांधी वाड्रा की अगुवाई में मैदान में उतर सकती है। हाल ही में दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की मौजूदगी में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कांग्रेस वर्ष 2026 के पंचायत चुनाव अकेले लड़ेगी।

इसके बाद 11 दिसंबर को प्रियंका गांधी, यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय और प्रभारी अविनाश पांडेय की मौजूदगी में एक अहम बैठक हुई। बैठक की तस्वीरें पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा कीं। पोस्ट में बताया गया कि प्रियंका गांधी और केसी वेणुगोपाल ने यूपी कांग्रेस की रणनीति और संगठन को लेकर विस्तृत समीक्षा की।

बैठक में क्या चर्चा हुई?

सूत्रों के अनुसार, पंचायत चुनाव में उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया, संगठन सुदृढ़ीकरण और अगले कार्यक्रमों पर चर्चा हुई। पार्टी की रणनीति है कि पंचायत चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने वाले उम्मीदवारों को 2027 विधानसभा चुनाव में टिकट की प्राथमिकता मिलेगी। इसके अलावा कांग्रेस चाहती है कि लोकसभा 2024 में जो राजनीतिक गति बनी थी, उसे आगे भी बनाए रखा जाए।

वर्ष 2022 में कांग्रेस ने प्रियंका गांधी के नेतृत्व में सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन पार्टी मात्र 2 सीटें जीत पाई। इसके बाद प्रियंका ने प्रभारी पद से इस्तीफा दे दिया था। अब दोबारा उनकी सक्रियता बढ़ने से संकेत मिल रहा है कि 2027 में वह फिर नेतृत्व संभाल सकती हैं।

अखिलेश यादव पहले ही साफ कर चुके हैं कि सपा–कांग्रेस 2027 के चुनाव में मिलकर लड़ेंगे। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय कई बार कह चुके हैं कि पार्टी सभी 403 सीटों पर तैयारी कर रही है। माना जा रहा है कि यह सीट बंटवारे में पार्टी की bargaining power बढ़ाने की रणनीति है।

लोकसभा 2024 में भी कांग्रेस ने शुरू में 80 सीटों पर तैयारी का दावा किया था, बाद में सपा से समझौता कर 17 सीटों पर चुनाव लड़ा।

सूत्रों का कहना है कि अगर प्रियंका गांधी प्रदेश की कमान संभालती हैं, तो सीट बंटवारे में तनाव नहीं बढ़ेगा। 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान भी कई सीटों पर अड़चन आने पर प्रियंका ने खुद दखल देकर बातचीत को आगे बढ़ाया था।

वहीं, 2022 में जब Akhilesh Yadav करहल सीट से चुनाव लड़ रहे थे, तो प्रियंका के नेतृत्व में कांग्रेस ने इस सीट पर प्रत्याशी नहीं उतारा था।

लगातार हो रही बैठकों और रणनीतियों से साफ है कि कांग्रेस 2026 के पंचायत चुनाव और 2027 विधानसभा चुनाव को लेकर बेहद गंभीर है। पार्टी का लक्ष्य है कि लोकसभा 2024 में मिली राजनीतिक बढ़त को इन दो बड़े चुनावों में भुनाने की पूरी कोशिश की जाए।

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