कांग्रेस ने ऐन मौके पर आदमपुर सीट से कैंडिडेट बदल दिया है। नामांकन के आखिरी दिन कांग्रेस ने सुखविंदर सिंह कोटली की टिकट रद्द कर मोहिंदर सिंह केपी को चुनावी अखाड़े में उतार दिया। टिकट कटने के कारण केपी लगातार पार्टी प्लेटफार्म पर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे थे। उधर टिकट कटने के बाद कोटली ने आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है।
आदमपुर सीट पर अब केपी का मुकाबला शिरोमणि अकाली दल के निवर्तमान विधायक पवन कुमार टीनू से होगा। टिकट की पुष्टि करते हुए भतीजे अमरीक सिंह केपी ने कहा कि मोहिंदर सिंह केपी के नामांकन करने की जानकारी दी।
गौरतलब है कि केपी टिकट कटने के बाद एक बार पार्टी को अलविदा कहने का मन बना चुके थे। उन्होंने निर्दलीय चुनाव में उतरने की भी घोषणा कर दी थी। राहुल गांधी की पंजाब में वर्चुअल रैली के दौरान जालंधर में केपी भी उनके साथ मंच सांझा करते दिखे थे। उसी समय कयास लग रहे थे कि उन्हें मना लिया गया है, लेकिन टिकट पर संशय बरकरार था।
चन्नी ने राहुल गांधी की रैली तक शांत रहने को मनाया था
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर राज्यस्तरीय कार्यक्रम में तिरंगा फहराने के बाद अपने रिश्तेदार और पूर्व सांसद मोहिंदर सिंह केपी से गाड़ी में ही मुलाकात की थी। सूत्रों की मानें तो गणतंत्र दिवस की पूर्वसंध्या पर चन्नी डेरा बल्लां में रुके थे। वहां भी उन्होंने केपी को बुलाया था और उनसे बातचीत की थी। उन्होंने राहुल गांधी के दौरे तक शांत रहने के लिए मनाया था। इसके बाद राहुल गांधी के दौरे के दौरान केपी की राहुल से मुलाकात भी करवाई।
अब कोटली लड़ेंगे निर्दलीय चुनाव
डेढ़ महीने पहले बहुजन समाज पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए सुखविंदर सिंह कोटली को कांग्रेस ने टिकट देकर वापस झटक लिया। उन्होंने कांग्रेस की ऐसी बेरुखी देख अब अपने ही दम पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में कांग्रेस को ही टक्कर देने का मन बनाया है। पहले कांग्रेस ने आदमपुर सीट से कोटली को उम्मीदवार घोषित किया और नामांकन के आखिरी दिन उनका टिकट रद्द कर केपी को मैदान में उतार दिया।
मंत्री वेरका भी पहुंचे थे मनाने
चन्नी से पहले कैबिनेट मंत्री राजकुमार वेरका भी मोहिंदर सिंह केपी को मनाने के लिए उनके घर पहुंचे थे। केपी और वेरका की देर रात तक काफी लंबी मीटिंग चली। वेरका ने कांग्रेस से बागी हुए केपी को मनाने की बहुत कोशिश की, लेकिन नहीं माने। वेरका से मुलाकात के बाद एक-दो दिन वह शांत रहे, फिर उन्होंने बागावती सुर अलापने शुरू कर दिए।
जालंधर कैंट में परगट के खिलाफ खोला था मोर्चा
टिकट न मिलने पर पूर्व सांसद केपी ने जालंधर कैंट में मंत्री परगट सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। वह कैंट विधानसभा क्षेत्र में जाकर परगट सिंह के खिलाफ अपने समर्थकों के माध्यम से प्रचार कर रहे थे। दरअसल केपी अपना टिकट कटने में परगट सिंह की भूमिका मान रहे थे। परगट नहीं चाहते थे कि केपी को टिकट मिले। केपी ने बगावत करते हुए घोषणा भी की थी कि वह चुनाव जरूर लड़ेंगे लेकिन कहां से लड़ेंगे इसका फैसला समर्थक करेंगे। उन्होंने जालंधर कैंट से परगट सिंह के खिलाफ ही निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली थी। राहुल गांधी से मुलाकात के बाद स्पष्ट हो गया था कि केपी शांत हो गए हैं और उन्होंने अपने बगावती तेवर भी त्याग दिए थे।