उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर कांग्रेस का हमला, कहा- ‘सरकार के दबाव में लिया फैसला’

Jagdeep Dhankhar Resignation : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने देश की राजनीति में हलचल मचा दी है। कांग्रेस सांसद नीरज डांगी ने इसे सरकार के दबाव में लिया गया फैसला बताया है।

धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया है, लेकिन विपक्षी नेता इसकी टाइमिंग पर सवाल उठा रहे हैं।
कांग्रेस सांसदों ने हैरानी जताते हुए कहा कि धनखड़ सुबह तक संसद में मौजूद थे, और फिर अचानक इस्तीफा दे दिया।

यह घटनाक्रम देश की सियासत में नए सवाल खड़े कर गया है। नीरज डांगी ने कहा, “यह फैसला धनखड़ साहब की इच्छा से नहीं, बल्कि सरकार के दबाव में हुआ है।” उन्होंने आरोप लगाया कि “यह देश और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए ठीक नहीं है।” डांगी ने एएनआई से बातचीत में कहा, “हमें संदेह है कि स्वास्थ्य की बात अचानक सामने आना सच्चाई नहीं हो सकती।” उन्होंने आगे कहा, “पिछले सत्र में भी उनकी तबीयत खराब हुई थी, फिर भी वे जल्दी ही लौट आए।”

कांग्रेस सांसद ने यह भी आरोप लगाया कि “सरकार ने इस इस्तीफे को जबरदस्ती थोपा है।”
किरण कुमार चमाला ने कहा, “सुबह तक धनखड़ संसद में थे, और उन्होंने देश के लिए एकजुट होकर काम करने की बात कही थी।” उनका सवाल था कि अचानक शाम को यह इस्तीफा क्यों दिया गया।

इमरान मसूद ने भी इस घटनाक्रम पर सवाल उठाए, कहा, “दिनभर संसद में रहने के बाद अचानक इस्तीफा क्यों? यह समझ से परे है।” उन्होंने आशा व्यक्त की कि भगवान उन्हें लंबी और स्वस्थ जिंदगी दें।

उपराष्ट्रपति सचिवालय ने बताया कि धनखड़ का सोमवार को जयपुर जाने का कार्यक्रम था, जहां वे रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CREDAI) के सदस्यों से मिलने वाले थे।
लेकिन अचानक उनके इस्तीफे की खबर ने सभी को चौंका दिया।

धनखड़ ने अपने इस्तीफे में लिखा, “स्वास्थ्य कारणों और डॉक्टरी सलाह से भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल इस्तीफा दे रहा हूं।” उन्होंने राष्ट्रपति का धन्यवाद किया, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मंत्रिपरिषद का भी आभार व्यक्त किया। धनखड़ ने कहा, “प्रधानमंत्री का समर्थन मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा।” उन्होंने भारत की आर्थिक प्रगति की प्रशंसा की और कहा कि देश की सेवा उनका गर्व है।

धनखड़ 11 अगस्त 2022 को भारत के 14वें उपराष्ट्रपति बने थे। उस समय से वे राज्यसभा के सभापति भी थे। उनके अचानक इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारों में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष का कहना है कि इस घटना की असल वजह सामने आनी चाहिए, ताकि देश की जनता को सच्चाई पता चल सके।

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