
BLO Suicide : फतेहपुर के बिंदकी में बर्खास्तगी की चेतावनी से तनाव में आए एक लेखपाल ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी है। यह घटना 26 नवंबर यानि आज की है, जो उसकी शादी का दिन था। बताया जाता है कि लेखपाल को एसआईआर अभियान में लगाया गया था, और इसी भागदौड़ में उससे काम में थोड़ी चूक हो गई थी।
घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के अन्य लेखपाल और परिजन घटनास्थल पर जमा हो गए। उन्होंने विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण अभियान के सहायक समीक्षा अधिकारी (एसडीएम) और कानूनगो के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराकर कार्रवाई की मांग की।
मामले की सूचना मिलते ही एएसपी महेंद्र पाल सिंह और एडीएम संजय कुमार सक्सेना मौके पर पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने परिजनों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन देर शाम तक परिजन शव नहीं उठाने पर अड़े रहे।
बिंदकी कोतवाली क्षेत्र के खजुहा कस्बा बागबादशाही निवासी सुधीर कुमार (35) ने वर्ष 2024 में लेखपाल की नौकरी पाई थी। उनकी नियुक्ति बिंदकी तहसील में हुई थी, और वे अभी प्रोबेशन में थे। सुधीर वर्तमान में जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र के एसआईआर का काम बीएलओ के तौर पर देख रहे थे।
उनकी 26 नवंबर को खजुहा ब्लॉक के ही सीतापुर गांव में बारात जानी थी। इसके लिए उन्होंने कुछ दिन पहले ही अवकाश के लिए प्रार्थना पत्र तहसीलदार को दिया था।
सुधीर की बहन अमृता सिंह ने बताया कि 22 नवंबर को तहसील सभागार में मतदाता पुनरीक्षण कार्य की बैठक थी, जिसमें उनके भाई भाग नहीं ले सके। इस बात से नाराज सहायक समीक्षा अधिकारी (ईआरओ) और एसडीएम संजय कुमार सक्सेना ने उनके भाई को निलंबित करने की कार्रवाई का संकेत दिया था। इससे सुधीर मानसिक तनाव से गुजर रहे थे।
मंगलवार सुबह करीब साढ़े छह बजे कानूनगो शिवराम उनके घर पहुंचे। उन्होंने कहा कि उन्हें एसडीएम ने भेजा है और चुनाव कार्य के नाम पर एसआईआर प्रपत्र फीडिंग के लिए भाई से काम करने को कहा। यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया तो बर्खास्त कर दिया जाएगा।
इसके तुरंत बाद, सुधीर कमरे में चले गए। कुछ देर बाद जब वे बाहर नहीं निकले तो दरवाजा खटखटाया गया। अंदर से कोई जवाब ना मिलने पर खिड़की से झांक कर देखा गया, तो वह कमरे की छत के हुक पर रस्सी के फंदे से लटके हुए पाए गए।
एएसपी महेंद्र पाल सिंह ने कहा है कि मौके पर मौजूद हैं और मामले की जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। परिजनों को पोस्टमॉर्टम कराने के लिए समझाया जा रहा है।
परिजनों द्वारा दिए गए शिकायती पत्र पर अभी प्राथमिकी का प्रावधान नहीं है, बल्कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। इसके बाद ही प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
अविनाश त्रिपाठी, एडीएम ने बताया कि वह बात करने की स्थिति में नहीं हैं और उन पर लगाए गए आरोप गलत हैं। उनका कहना है, “वह बस इतना ही कह सकते हैं।”
संजय सक्सेना, एसडीएम ने भी कहा है कि वह इस मामले में बात करने की स्थिति में नहीं हैं।
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