हिमाचल प्रदेश में शीतलहर ने जीवन को प्रभावित कर दिया है। लाहौल-स्पीति, किन्नौर, कुल्लू, चंबा और शिमला जैसे जिलों में पारा शून्य से नीचे पहुंच गया है। लगातार दो दिनों की बर्फबारी के बाद शुक्रवार को मौसम तो साफ हो गया है लेकिन सर्द हवाओं ने ठिठुरन और बढ़ा दी है। प्रदेश के कई इलाकों में जनजीवन प्रभावित है। दो नेशनल हाईवे और लगभग 200 संपर्क सड़कें अब भी बंद हैं। इनकी बहाली का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। लेकिन शीतलहर के चलते लोगों को राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।
10 शहरों का न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे दर्ज
लाहौल स्पीति जिला के ताबो में न्यूनतम तापमान सबसे कम -13.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसी जिला के कुकुमसेरी में न्यूनतम तापमान -12.2 डिग्री सेल्सियस रहा। इसके अलावा कल्पा में – 6.2 डिग्री मनाली में – 2.5 डिग्री, भुंतर में -0.2 डिग्री, नारकंडा में -1.5 डिग्री, भरमौर में -2.8 डिग्री, रिकांगपिओ में -2.5 डिग्री, सियोबाग में -1 डिग्री सेल्सियस और बजुआरा में न्यूनतम तापमान – 0.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
लाहौल-स्पीति में सबसे अधिक असर
लाहौल-स्पीति जिला इस शीतलहर से सबसे अधिक प्रभावित है। यहां की 134 संपर्क सड़कें बर्फबारी के कारण बंद हो चुकी हैं। लाहौल को कुल्लू-मनाली से जोड़ने वाला दारचा-अटल टनल-रोहतांग मार्ग वाहनों की आवाजाही के लिए बंद है। इसके अलावा तांदी-उदयपुर-तिंदी सड़क मार्ग भी अब तक बहाल नहीं हो सका है। इससे स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
शिमला और रामपुर में भी सड़कों पर बर्फ जमी
शिमला जिले के ऊपरी इलाकों में भी हालात कुछ ऐसे ही हैं। शिमला-रामपुर नेशनल हाईवे-5 नारकंडा के पास बर्फबारी के कारण अवरुद्ध है। इस मार्ग पर आवागमन फिलहाल बसंतपुर मार्ग से किया जा रहा है। हालांकि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अभी भी हालात सामान्य नहीं हैं। बर्फबारी और शीतलहर के चलते लोग घरों में दुबके हुए हैं। पानी की पाइपलाइन जमने से पानी की किल्लत हो गई है।
मौसम विभाग का अनुमान, छह दिन बर्फ़बारी के आसार
मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल प्रदेश में मौसम राहत देने वाला नहीं है। 18 से 23 जनवरी तक पहाड़ी इलाकों में फिर से बर्फबारी की संभावना जताई गई है। इसके साथ ही शीतलहर का प्रकोप जारी रहेगा। आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट होने की संभावना है। जिससे जनजीवन पर और अधिक असर पड़ेगा। इस विंटर सीजन में राज्य के पहाड़ी इलाकों में छह बार बर्फबारी हो चुकी है।