महाकुंभ से सीएम योगी की महासौगात : एयरोस्पेस महारथी बनेगा यूपी, 10 प्रस्तावों पर लगी मुहर

महाकुम्भ : विश्व के सबसे बड़े धार्मिक-सामाजिक समागम ‘महाकुम्भ 2025’ में जहां एक तरफ दुनियाभर के आस्थावानों का जुटान हो रहा है, वहीं प्रदेश की योगी सरकार ने भी इस महाकुम्भ के जरिए सूबे को ‘महा सौगात’ दे दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को तीर्थराज प्रयागराज में मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गई, जिसमें योगी सरकार ने प्रदेश के विकास को गति देने के लिए 10 अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी। इसमें उत्तर प्रदेश को एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर में ‘महारथी’ बनाने के उद्देश्य से नई नीति को मंजूरी दी गई है। इसके अंतर्गत 50 हजार करोड़ के निवेश को आकर्षित करने का लक्ष्य है। इस नीति के लागू होने के बाद प्रदेश के 1 लाख युवाओं को सीधे-सीधे रोजगार मिलने की प्रबल संभावना है।

महाकुम्भ नगर से प्रदेश को महासौगात देने के क्रम में अन्य अहम प्रस्तावों में विदेशी कंपनियों को उद्योग स्थापित करने के लिए एफडीआई नीति में योगी कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी है। इसके अंतर्गत योगी सरकार भूमि पर 80 प्रतिशत तक सब्सिडी देगी। इसके अलावा यूपी औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति में भी बड़े सुधारों की तरफ योगी सरकार ने कदम बढ़ाए हैं।

यूपी बनेगा एयरोस्पेस महारथी

महाकुम्भ नगर के त्रिवेणी संकुल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन हुआ। इस दौरान उत्तर प्रदेश एयरोस्पेस तथा रक्षा इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2024 को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा उत्तर प्रदेश को एक अग्रणी एयरोस्पेस तथा रक्षा केंद्र बनाने पर है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए स्वदेशी क्षमताओं, नवाचार और वैश्विक सहयोगी को गति मिल सकेगी।

इस नीति का उद्देश्य यूपी में एयरोस्पेस और रक्षा (ए एंड डी) क्षेत्र को सशक्त बनाना है। इसके अंतर्गत यूपी रक्षा औद्योगिक गलियारा (यूपीडीआईसी) में एक मजबूत, विश्व स्तरीय, उच्च प्रौद्योगिकी और कुशल ए एंड डी मैन्यूफैक्चरिंग वातावरण बनाना है। इसके अलावा ए एंड डी क्षेत्र में आधुनिकतम केंद्र विकसित करने के लिए स्टार्टअप और निवेश को भी आकर्षित किया जाएगा। यही नहीं यूपी रक्षा औद्योगिक गलियारा में स्टार्टअप और एमएसएमई के कौशन और क्षमता विकास के लिए ए एंड डी आधारित सामान्य सुविधा केंद्र बनाने पर भी योगी सरकार ने कदम आगे बढ़ा दिया है। राज्य में प्रमुख ए एंड डी विनिर्माण परियोजनाओं और डीपीएसयू को आकर्षित करना, अनुसंधान को बढ़ावा देना भी इस नीति का प्रमुख हिस्सा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की स्पष्ट मंशा है कि राज्य में उन कंपनियों के विकास को बढ़ावा दिया जाए जो ए एंड डी में भारत की आत्मनिर्भरता के दृष्टिकोण का समर्थन करती हो। इस नीति के जरिए ए एंड डी सेक्टर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सॉफ्टवेयर विकास केंद्र को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। नीति के अंतर्गत अगले पांच साल में 50 हजार करोड़ के निवेश को आकर्षित करने के साथ ही 1 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराए जाएंगे। इस नीति के अंतर्गत ए एंड डी सेक्टर की यूनिट्स को फ्रंट एंड सब्सिडी भी प्रदान की जाएगी। इसमें लैंड सब्सिडी, स्टैम्प ड्यूटी एग्जम्पशन और कैपिटल सब्सिडी भी दी जाएगी। साथ ही परिवहन शुल्क पर छूट जैसी सुविधाएं भी योगी सरकार प्रदान करेगी। यही नहीं महिला उद्यमियों को इस नीति के जरिए बड़ी राहत दी जाएगी।

बता दें कि रक्षा मत्रालय द्वारा देश में 2025-26 तक एयरोस्पेस तथा रक्षा उत्पादन को दोगुना करके 25 बिलियन यूएस डॉलर और निर्यात को 5 बिलियन यूएस डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसा आंकलन है कि 2047 तक एयरोस्पेस तथा रक्षा विनिर्माण क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद में 25 प्रतिशत का योगदान होगा। इसे देखते हुए रक्षा मंत्रालय की ओर से देश में दो रक्षा औद्योगिक गलियारे उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में स्थापित किये गये हैं।

स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, बलरामपुर की स्थापना के लिए 166 बेड के राजकीय संयुक्त चिकित्सालय, बलरामपुर को चिकित्सा शिक्षा विभाग के पक्ष में निःशुल्क हस्तांतरित करने तथा जनपद बलरामपुर में स्थापित किए जा रहे किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के सेटेलाइट सेन्टर को स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, बलरामपुर में परिवर्तित किए जाने को भी मंजूरी मिली। आम जनमानस को विशिष्ट चिकित्सा सुविधा और युवाओं को चिकित्सा शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराने के लिए स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, बलरामपुर को स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। वहीं, बलरामपुर में केजीएमयू के सेटेलाइट सेन्टर को मेडिकल कालेज में परिवर्तित कर उसके संचालन के लिए एमसीआई/एनएमसी मानकों के दृष्टिगत 1394 शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक पदों का सृजन भी किया जा चुका है।

योगी सरकार ने एफडीआई एवं फॉर्च्यून 500 कंपनियों के निवेश के लिए प्रोत्साहन नीति 2023 में अनुमन्य फ्रंड एंड लैंड सब्सिडी के तहत मेसर्स अशोक लीलेंड लि. को आवंटित भूमि पर यूपीसीडा को देय सब्सिडी के भुगतान की भी मंजूरी प्रदान की। सब्सिडी भुगतान के संबंध में इम्पावर्ड कमेटी द्वारा 27 सितंबर की संस्तुति पर अनुमोदन किया गया है। एफडीआई नीति 2023 के अंतर्गत यूपीसीडा द्वारा अशोक लीलेंड को दी गई भूमि की लागत का 75 प्रतिशत यानी 106.51 करोड़ यूपीसीडा को देय है। इस भुगतान के लिए इम्पावर्ड कमेटी द्वारा संस्तुति प्रदान की गई है। प्रस्तावित परियोजना के अंतर्गत आरंभ में सुविधा की शुरुआत 2500 बस प्रति वर्ष की क्षमता से किया जाएगा। इस सुविधा में एक एक्सीलेंस सेंटर भी सम्मिलित होगा। इसमें लगभग 186 करोड़ रुपए का व्यय होगा।

योगी मंत्रिमंडल ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उत्च स्तरीय प्राधिकृत समिति (एचएलईसी) की अगस्त और सितंबर 2024 को संपन्न बैठक में की गई संस्तुतियों पर भी अनुमोदन प्रदान किया। औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 के अंतर्गत प्रदेश में मेगा श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों के लिए विशेष सुविधाएं और रियायतें दिए जाने का प्राविधान किया गया है। इसके तहत त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लि. मुरादाबाद को पूंजीगत सब्सिडी के रूप में 250 करोड़ तथा गैलेंट इस्पात लि. मिर्जापुर को एसजीएसटी प्रतिपूर्ति के रूप में 10,749 करोड़ रुपए प्रदान किए जाने की स्वीकृति दी गई।

स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजना के अन्तर्गत निःशुल्क स्मार्टफोन वितरण के लिए योगी सरकार 25 लाख स्मार्टफोन क्रय करेगी। इसके लिए अन्तिम बिड डाक्यूमेंट पर अनुमोदन प्रदान कर दिया गया। यह योजना 5 वर्ष के लिए लागू है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 4000 करोड़ रुपए के बजट का प्राविधान किया गया है। प्रदेश के युवाओं को तकनीकी रूप से सशक्त बनाए जाने के लिए स्मार्ट फोन वितरित किए जाने की यह एक अभिनव योजना है। प्रस्ताव पर अनुमोदन से प्रदेश के उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, स्वास्थ्य शिक्षा, कौशल विकास प्रशिक्षण एवं आईटीआई में पंजीकृत कुशल युवावर्ग तकनीकी रूप से सशक्त बनेंगे।

प्रदेश के असेवित जनपद हाथरस, बागपत एवं कासगंज में भारत सरकार की वायबिलिटी गैप फण्डिंग के अन्तर्गत पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड पर मेडिकल कालेज संचालित करने के लिए सफल निविदादाता के चयन को मंजूरी मिल गई। प्राप्त निविदाओं के तकनीकी एवं वित्तीय मूल्यांकन के बाद न्यूनतम निविदादाता के रूप में जनपद-हाथरस में राजश्री एजूकेशनल ट्रस्ट, जनपद-कासगंज में राजश्री एजुकेशनल ट्रस्ट एवं जनपद- बागपत में जयपाल सिंह शर्मा ट्रस्ट को न्यूनतम निविदादाता (एल-1 बिडर) के रूप में उपयुक्त पाया गया। योजना के तहत सरकार की प्राथमिकता उन जिलों में मेडिकल कालेज खोलने की है, जहां शासकीय अथवा निजी क्षेत्र के अंतर्गत कोई भी मेडिकल कालेज स्थापित नहीं है। इसी क्रम में प्रदेश के असेवित जनपदों में पीपीपी मोड के अन्तर्गत मेडिकल कालेज की स्थापना करने के संबंध में नीति निर्गत की गई है।

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