यूपी में सभी मजदूरों के लिए अच्छी खबर! सीएम योगी ने बनाया ऐसा प्लान- अब रात को फुटपाथ पर नहीं सोएंगे श्रमिक

UP News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने श्रमिकों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए एक नई योजना शुरू की है, जिसमें दिहाड़ी मजदूर और प्रवासी श्रमिकों के लिए आधुनिक श्रमिक सुविधा केंद्र और सराय का निर्माण किया जाएगा। इन केंद्रों में पंजीकरण, कौशल विकास, भोजन, स्वास्थ्य सेवाएँ और ठहरने की व्यवस्था एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने का मौका मिले।

प्रदेश सरकार ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कहा है कि अब श्रमिकों को अपने काम की तलाश में चौराहों या फुटपाथों पर रात बिताने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जल्द ही पूरे राज्य में ऐसी सुविधापूर्ण केंद्र और हॉस्टल स्थापित किए जाएंगे, जहां श्रमिकों को रोजगार से जुड़ी सभी आवश्यक सेवाएँ मिलेंगी।

वर्तमान में शुरू की गई विश्वकर्मा श्रमिक सराय योजना के पहले चरण में, उत्तर प्रदेश के 17 नगर निगम क्षेत्रों और नोएडा-ग्रेटर नोएडा में डॉ. भीमराव अंबेडकर श्रमिक सुविधा केंद्र की स्थापना की जाएगी। इन केंद्रों में शौचालय, वाशरूम, आरामदायक बैठक स्थल, कैफेटेरिया, श्रमिक पंजीकरण कक्ष, डिजिटल सेवा काउंटर और सरकारी योजनाओं की जानकारी देने वाले डेस्क जैसी अत्याधुनिक सुविधाएँ मौजूद होंगी।

कौशल विकास पर बल

इन सुविधा केंद्रों का उद्देश्य केवल श्रमिकों को काम पर लगाना नहीं है, बल्कि उन्हें प्रशिक्षण और कौशल विकास के अवसर भी प्रदान करना है, ताकि वे बेहतर रोजगार पा सकें। इससे श्रमिक अपने जीवन की गुणवत्ता सुधार सकेंगे और बार-बार बेरोजगारी का सामना करने से बचेंगे।

सराय योजना के तहत, प्रवासी श्रमिकों को 5 से 15 दिनों तक सुरक्षित, साफ-सुथरे और सुविधाजनक हॉस्टल में कम शुल्क पर रहने की सुविधा मिलेगी। इन हॉस्टलों में स्नानागार, शौचालय और आरामदायक रूम जैसी मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। यह सरायें भारत के प्रसिद्ध मजदूर नेता दत्तोपंत ठेंगड़ी के नाम पर बनाई जाएंगी, जिन्होंने मजदूरों और वंचित वर्गों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई थी।

स्वास्थ्य, भोजन और रोजगार की सुविधा

इन सरायों में श्रमिकों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं, भोजन व्यवस्था और रोजगार मार्गदर्शन की भी व्यवस्था होगी। इन केंद्रों को राज्य सरकार के रोजगार पोर्टल और स्थानीय ठेकेदारों से भी जोड़ा जाएगा, ताकि श्रमिक सीधे मौके पर जाकर रोजगार पा सकें और भटकने से बचें।

श्रम मंत्री अनिल राजभर ने बताया कि सरकार का उद्देश्य सिर्फ काम देना नहीं है, बल्कि श्रमिकों को सम्मान, सुरक्षा और स्थिर जीवन उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि इस योजना के लागू होने के बाद, कोई भी श्रमिक खुले में रात बिताने को मजबूर नहीं रहेगा। यह पहल श्रमिकों के जीवन में स्थिरता और गरिमा लाने का प्रयास है।

लाखों श्रमिकों को मिल रहा लाभ

उत्तर प्रदेश सरकार पहले से ही श्रमिकों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएँ चला रही है। वर्ष 2024-25 में, लगभग 5,57,567 श्रमिकों को श्रम बोर्ड की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिला, जिन पर कुल 710.96 करोड़ रुपये खर्च किए गए। वहीं, 2025-26 में अब तक 10,221 श्रमिकों को 42.46 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की गई है। इस वर्ष, 48,822 नए श्रमिकों ने पंजीकरण कराया है, जिनमें 25,720 महिलाएं हैं। पिछले साल यह संख्या 1,86,380 थी, जिसमें 89,441 महिलाएँ शामिल थीं। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि महिलाओं की भागीदारी श्रम क्षेत्र में तेजी से बढ़ रही है।

यह भी पढ़े : प्रियंका गांधी के सवालों से गूंजा सदन, बोली- ‘गृह मंत्री जी मेरी मां के आंसुओं तक चले गए, सीजफायर क्यों हुआ, ये नहीं बताया

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

तारा – वीर ने सोशल मीडिया पर लुटाया प्यार थाईलैंड – कंबोडिया सीमा विवाद फिर भडका तेजस्वी के खिलाफ बोल रहे थे विजय सिन्हा, तभी दे दिया जवाब ‘मारो मुझे मारो… दम है तो मारो लाठी…’ पेट्रोल पंप पर महिला का हाई वोल्टेज ड्रामा, वीडियो वायरल