
शिमला : हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर शिमला के संभोटा तिब्बती स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया और प्रदेशवासियों को वैशाख पूर्णिमा की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने इस अवसर पर भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को आत्मसात कर सशक्त समाज के निर्माण का आह्वान किया।
“स्वयं अपने दीप बनो” – आत्मनिर्भर भारत का मंत्र
मुख्यमंत्री ने भगवान बुद्ध द्वारा दिए गए ‘अप्प दीपो भव’ के संदेश को आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरणा स्रोत बताया। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा आज के युग में भी उतनी ही सार्थक है, जितनी उस समय थी।
तीन घटनाओं से विशेष है बुद्ध पूर्णिमा
सीएम सुक्खू ने अपने संबोधन में बताया कि बुद्ध पूर्णिमा इसलिए भी विशेष है क्योंकि इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण—all तीन घटनाएं—हुई थीं। उन्होंने कहा, “बुद्ध का जीवन करुणा, शांति और मानवता का प्रतीक है।”
सांस्कृतिक विरासत की झलक
कार्यक्रम में तिब्बत, किन्नौर और लाहौल-स्पीति की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं पर आधारित रंगारंग प्रस्तुतियां दी गईं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने त्सेरिंग पलकत नेगी और पेमा दोरजे को भारत-तिब्बत मैत्री अवार्ड से सम्मानित किया।
स्कूल से जुड़ी यादें की साझा
मुख्यमंत्री ने संभोटा स्कूल से जुड़ी अपनी पुरानी यादों को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि शिमला नगर निगम में पार्षद रहते हुए उन्होंने इस स्कूल और मैदान से गहरा जुड़ाव महसूस किया, जहां वे सर्दियों में दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलते थे।
सीएम का संदेश
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा, “भौतिक सुख-सुविधाओं के इस युग में तनाव और असंतुलन बढ़ रहा है। ऐसे समय में भगवान बुद्ध का संदेश ही हमें सच्चे सुख और मानसिक शांति की राह दिखाता है।”