
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अब मध्यप्रदेश के युवाओं को विश्वस्तरीय शिक्षा के लिए विदेश जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। राज्य सरकार प्रदेश में ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए तेजी से कदम उठा रही है। इसी उद्देश्य से सरकार ने वैश्विक विश्वविद्यालयों के अध्ययन केंद्र स्थापित करने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स गठित करने का निर्णय लिया है। इसके आदेश शीघ्र जारी किए जाएंगे।
एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि मध्यप्रदेश को वैश्विक शिक्षा मानचित्र पर स्थापित किया जाएगा और विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीकी क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए जाएंगे।
वैश्विक विश्वविद्यालयों से आगे बढ़ी बातचीत
अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान की पहल पर जिन प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों से निरंतर संवाद जारी है, उनमें शामिल हैं—
- एरिज़ोना स्टेट यूनिवर्सिटी (ASU), USA
- पर्ड्यू यूनिवर्सिटी, USA
- एशिया यूनिवर्सिटी, ताइवान
इन संस्थानों ने मध्यप्रदेश में अपने अध्ययन केंद्र खोलने में गहरी रुचि दिखाई है। ये विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग, एआई, डेटा साइंस, हेल्थकेयर, मैनेजमेंट और उभरते तकनीकी क्षेत्रों में अग्रणी शोध और नवाचार के लिए विश्वभर में पहचाने जाते हैं।
उद्योग और स्टार्टअप को मिलेगा बड़ा फायदा
सरकार का मानना है कि ये अध्ययन केंद्र खुलने से—
- प्रदेश की उच्च शिक्षा गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होगा,
- छात्रों को घर बैठे विश्वस्तरीय शोध और शिक्षा के अवसर मिलेंगे,
- स्टार्टअप इकोसिस्टम, स्थानीय उद्योग और संयुक्त शोध परियोजनाओं को सीधा लाभ मिलेगा।











