
Nainital : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रश्नपत्र लीक प्रकरण पर एक नयी बात कही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में नकल माफिया षडयंत्र रचकर युवाओं को छलने की कोशिश कर रहे हैं, परंतु उनकी दाल उत्तराखंड में नहीं गलने दी जाएगी। प्रदेश में युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों के विरुद्ध सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। उन्होंने पुनः स्पष्ट किया कि प्रश्न पत्र लीक की घटना की विशेष जांच दल से जांच करायी जा रही है और छात्रों के हित में कठोरतम निर्णय लिये जा रहे हैं।
धामी रविवार को नैनीताल ने दुर्गापुर स्थित पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार माध्यमिक विद्यालय में आयोजित ‘प्रतिभा सम्मान समारोह’ में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर विद्यार्थियों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मेधावी छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति दी जा रही है। उन्होंने शिक्षा को मनुष्य का सबसे बड़ा आभूषण बताते हुए कहा कि इसी सोच के साथ प्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू की गई है, जिससे शिक्षा को अधिक व्यवहारिक बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने विद्या भारती के योगदान को अनुकरणीय बताया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने विद्या भारती के सात विद्यालयों को सैनिक स्कूल में परिवर्तित करने हेतु चयनित किया है। कहा कि 1978 में गठित इस संस्था ने शिक्षा की अलख जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
वहीं, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के प्रश्न पत्र लीक मामले का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नौजवान प्रदेश और देश का भविष्य हैं और उनके साथ अन्याय किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जांच में दोषी पाये जाने वालों को कठोर दंड दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि पिछले चार वर्षों में 25 हजार से अधिक अभ्यर्थियों को अपनी प्रतिभा और योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी मिली है।
उल्लेखनीय है कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 21 सितम्बर को स्नातक स्तरीय विभिन्न पदों की परीक्षा आयोजित की थी। परीक्षा आरंभ होने के आधे घंटे के भीतर ही प्रश्नपत्र के तीन पृष्ठ बाहर आने का मामला सामने आया था। इस पर सरकार ने विशेष जांच दल का गठन किया है और केंद्र से प्रश्नपत्र बाहर भेजने वाले खालिद की गिरफ्तारी भी की जा चुकी है।