सरकारी आवास मामले में सीएम आतिशी को कोर्ट से राहत, जानिए क्या है पूरा मामला

दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली की सीएम आतिशी मार्लेना पर सक्षम प्राधिकार से मंजूरी लिए बिना ही अपने आवंटित सरकारी आवास को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को रहने की अनुमति देने के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दिया है। कार्यकारी चीफ जस्टिस विभू बाखरू की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि इस मामले पर सक्षम प्राधिकार फैसला लेने के लिए सक्षम हैं और इस मामले में न्यायिक हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है।

सीएम आतिशी के खिलाफ यह याचिका संजीव जैन ने दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि सीएम आतिशी मार्लेना ने खुद के लिए आवंटित सरकारी आवास को मनीष सिसोदिया को रहने के लिए दे दिया जबकि मनीष सिसोदिया मंत्रिमंडल के सदस्य भी नहीं हैं। याचिका में कहा गया था कि मनीष सिसोदिया को जब मार्च 2023 में न्यायिक हिरासत में भेजा गया था उस समय उनका पूरा परिवार उनके लिए आवंटित सरकारी बंगले में ही रह रहा था। ऐसा करना सरकारी बंगलों के आवंटन नियमों का उल्लंघन है खासकर तब जब सिसोदिया ने दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया।

याचिका में कहा गया था कि सिसोदिया की गिरफ्तारी और उसके बाद मंत्रिमंडल से इस्तीफे के बावजूद उन्हें पहले से आवंटित आवास में उनके परिवार का रहना नियमों का सरासर उल्लंघन है। याचिका में कहा गया था कि नियमों के मुताबिक हर मंत्री को अपने व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए सरकारी बंगले का हक है। इस सरकारी बंगले में आवंटियों के परिवार के सदस्यों और आमतौर पर उनके साथ रहने वाले लोगों को रहने की अनुमति दी जाती है। इसी आधार पर मुख्यमंत्री को आधिकारिक आवास के लिए मथुरा रोड पर एबी-17 का बंगला आवंटित किया गया था।

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