
शिमला : हिमाचल प्रदेश में मॉनसून ने एक बार फिर तबाही मचाई है। साेमवार बीती रात से जारी मूसलाधार बारिश के बीच मंडी जिले में भारी बाढ़ और मलबा आने से हालात सबसे ज्यादा खराब हुए हैं। मंडी शहर के जेल रोड और हॉस्पिटल रोड इलाके में बादल फ्टने के कारण अचानक नाले में उफान आने से बाढ़ का पानी और मलबा घरों में घुस गया। इस घटना में दाे लोगों की मौत हो गई व एक लापता है जबकि एक व्यक्ति घायल हुआ है। कई लोगों को समय रहते पुलिस व प्रशासन ने सुरक्षित बाहर निकाला। मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने दाे लोगों की मौत की और एक के लापता हाेने की पुष्ठि की है। उन्होंने कहा है कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस के जवान राहत व बचाव कार्यों में जुटे हैं।
मंडी के जेल रोड़ वार्ड की पूर्व पाषर्द कृष्णा के बेटे और पोते की मलबे में दबने से मौत हो गई । उनके शव बरामद हाे गए हैं, जबकि बहू लापता है, वहीं पर एक व्यक्ति की टांग टूट गई है। इसके अलावा कई घरों में मलबा घुस जाने से करीब पंद्रह लोगों को मलबे से निकाला गया। एक मकान में भारी मात्रा में मलबा घुस जाने से कमरे में दो लोग फंस गये थे, जिन्हें लोगों ने कमरे की खिड़की तोड़कर सुरक्षित बाहर निकाला।
जानकारी अनुसार देर रात भारी बारिश के बाद अचानक बाढ़ आ गई, जिसने कई घरों को अपनी चपेट में ले लिया। घरों की निचली मंजिलों में पानी और मलबा भर गया, जिससे लोग फंस गए थे।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, पूर्व मंत्री एवं विधायक अनिल शर्मा, उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन, नगर निगम के महापौर विरेंद्र भटट, स्थानीय पार्षद राजा, सुमन ठाकुर ,कमिशनर रोहित राठौर, एडीएम डा. मदन कुमार ने मौके पर पहुंच का राहत व बचाव कार्यों का जायजा लिया। इस बारिश से अभी और कितना नुक्सान हुआ है इसका आंकलन किया जा रहा है।
इधर, चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-3) और मंडी-पठानकोट हाईवे (NH-154) पर भी कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ है। दोनों मार्ग बंद हैं और कई वाहन फंसे हुए हैं। लोक निर्माण विभाग, प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं, जबकि एनडीआरएफ को भी अलर्ट पर रखा गया है।
मौसम विभाग ने मंडी सहित पूरे प्रदेश में अगले 24 घंटों तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे राहत कार्यों में और कठिनाइयां बढ़ गई हैं।
गौरतलब है कि मंडी जिला इससे पहले भी 30 जून की रात बादल फटने की एक दर्जन घटनाओं से बुरी तरह प्रभावित हुआ था। सबसे ज्यादा तबाही सराज क्षेत्र में हुई थी।
प्रदेश में 20 जून को मानसून आने के बाद से अब तक भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से 164 लोगों की मौत हो चुकी है, 269 लोग घायल हुए हैं और 35 लोग अभी भी लापता हैं। अकेले मंडी में अब तक 32 लोगों की जान गई और 27 लोग लापता हैं। कांगड़ा में 24, कुल्लू और चंबा में 17-17, शिमला में 13, सोलन और ऊना में 11-11, किन्नौर में 11, हमीरपुर में 10, बिलासपुर में 8, लाहौल-स्पीति में 6 और सिरमौर में 4 लोगों की मौत हुई है।
भारी बारिश और भूस्खलन से अब तक 1320 घरों को नुकसान पहुंचा, जिनमें 418 पूरी तरह ढह गए हैं। मंडी में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, जहां 986 मकान प्रभावित हुए और इनमें से 376 पूरी तरह गिर गए। इसके अलावा करीब 21,500 पोल्ट्री पक्षी और 1402 मवेशियों की मौत भी हो चुकी है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, अब तक करीब 1523 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 780 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 499 करोड़ रुपये की क्षति हुई है। प्रदेश में अब तक 42 बार फ्लैश फ्लड, 25 बार बादल फटने और 32 बार भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं।