हरियाणा में एमटीपी किट की निगरानी अब करेंगे सिविल सर्जन

चंडीगढ़  : हरियाणा में अब मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) किट्स की निगरानी सिविल सर्जन करेंगे। इसके तहत एमटीपी किट्स केवल मान्यता प्राप्त एमटीपी केंद्रों में ही भेजी जाएंगी। राज्य में गिरते लिंगानुपात को देखते हुए सरकार ने पहले ही सभी थोक और खुदरा विक्रेताओं को एमटीपी किट की बिक्री बंद करने का निर्देश दे रखा है। निर्देश के बाद यदि कोई विक्रेता एमटीपी किट बेचता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हरियाणा के ड्रग कंट्रोलर ललित गोयल ने बताया कि अब एमटीपी किट सिविल सर्जन के माध्यम से ही केंद्रों तक पहुंचेगी, ताकि इसका रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जा सके।

एमटीपी किट का घर पर इस्तेमाल महिलाओं के लिए जोखिम भरा हो सकता है। अधिक ब्लीडिंग या जटिलताओं के कारण गर्भवती महिला की जान भी खतरे में पड़ सकती है। एमटीपी किट में मिफेप्रिस्टोन की एक और मिसोप्रोस्टोल की चार गोलियां शामिल होती हैं।

सख्ती का असर दिख रहा है। छह महीने पहले हरियाणा में 17 थोक विक्रेता थे, जिनमें अब केवल चार बचे हैं। इसी साल मार्च में राज्य के 22 जिलों में थोक विक्रेताओं के माध्यम से 40,763 एमटीपी किट्स वितरित की गई थीं, जबकि अब प्रति हफ्ते करीब 200 किट्स ही इस्तेमाल हो रही हैं। इस कदम के पीछे 2024 में हरियाणा का गिरता हुआ लिंगानुपात (910) भी एक कारण है। इसके बाद सरकार ने एसटीएफ गठित कर एमटीपी किट की अवैध बिक्री और लिंग परीक्षण पर कड़ी निगरानी शुरू की।

राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने पुलिस से भी मदद मांगी है। पड़ोसी राज्यों से हरियाणा में एमटीपी किट की आपूर्ति की जा रही है, जिसे ट्रैक करना मुश्किल है। इसलिए पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि वे फील्ड स्टाफ के माध्यम से इन विक्रेताओं पर कड़ी नजर रखें और अवैध बिक्री को रोकें।

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