- चीन में कहर मचाने वाले वायरस की भारत में हुई एंट्री
नई दिल्ली। चीन में फैल रहे कोरोना जैसे HMPV वायरस के अब तक 6 मामले सामने आ चुके हैं। यह सभी मामले आज यानी सोमवार को ही सामने आए। पहले दो केस कर्नाटक से हैं। यहां 8 माह का बच्चा और 3 महीने की बच्ची में यह वायरस मिला। दोनों की जांच बेंगलुरु के एक अस्पताल में की गई थी। इसके बाद अहमदाबाद में 2 महीने के बच्चे में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का संक्रमण मिला। चौथा मामला पश्चिम बंगाल से सामने आया, यहां पांच महीने के बच्चे में इस वायरस के लक्षण मिले हैं। उसका एक निजी अस्पताल में इलाज कर रहा है। वहीं तमिलनाडु के चेन्नई में भी दो बच्चे संक्रमित मिले हैं। अभी इसके बारे में ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है।
क्या बोले स्वास्थ्य मंत्री नड्डा?
केंद्रीय मंत्री नड्डा ने कहा, “स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि HMPV वायरस कोई नया वायरस नहीं है। इसकी पहचान सबसे पहले 2001 में हुई थी और यह कई सालों से पूरी दुनिया में फैल रहा है। HMPV सांस और हवा के जरिए फैलता है। यह हर उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है। यह वायरस सर्दियों और शुरुआती वसंत के महीनों में ज्यादा फैलता है। चीन में HMPV के मामलों की हालिया रिपोर्टों के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय, ICMR और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र चीन के साथ-साथ पड़ोसी देशों में स्थिति पर कड़ी नज़र रख रहे हैं। WHO ने स्थिति का संज्ञान लिया है और जल्द ही अपनी रिपोर्ट हमारे साथ साझा करेंगे। भारत में किसी भी सामान्य श्वसन वायरल रोगजनकों में कोई उछाल नहीं देखा गया है। स्थिति की समीक्षा के लिए 4 जनवरी को स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक की अध्यक्षता में संयुक्त निगरानी समूह की बैठक आयोजित की गई। हम स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं। हम ये कह सकते हैं कि हमें चिंता का कोई कारण नहीं होना चाहिए।”
केंद्र ने जारी की गाइडलाइन
- खांसते या छीकते समय मुंह और नाक को रूमाल या टिश्यू से कवर करें।
- अपने हाथों को साबुन से बार-बार धोएं या फिर सैनिटाइज़र का यूज करें।
- भीड़भाड़ वाली जगहों में जानें से बचें।
- बुखार से पीड़ित लोगों से दूरी बनाएं।
- बुखार, खांसी या छींक आने पर सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें।
- पर्याप्त पानी पिएं और पौष्टिक भोजन करें। सभी स्थानों पर पर्याप्त वेंटिलेशन सुनिश्चित करें।
- बीमार होने पर घर पर रहें और दूसरों के संपर्क को सीमित करें। कम से कम 6 से 8 घंटे की नींद लें।