मुख्यमंत्री विवाह योजना: आठ वर्षों में पांच लाख गरीब कन्याओं का हुआ विवाह

सामूहिक विवाह कार्यक्रम में प्रत्येक जोड़े पर खर्च किए जा रहे हैं 51 हजार रुपये

लखनऊ: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना गरीब और वंचित परिवारों के लिए संजीवनी बन चुकी है। यह विवाह योजना उन परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही है, जो आर्थिक तंगी के कारण अपनी बेटियों का विवाह धूमधाम से नहीं कर पाते। बीते आठ वर्षों में अब तक इस विवाह योजना के तहत 4,76,207 गरीब कन्याओं के विवाह सम्पन्न हो चुके हैं, जिससे हजारों परिवारों को राहत मिली है।

प्रदेश के समाज कल्याण विभाग से संचालित योगी सरकार की इस योजना ने प्रदेश की गरीब बेटियों के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक वैवाहिक जीवन की शुरुआत को सम्भव बनाया है। दो लाख रुपये की वार्षिक आय सीमा के अंतर्गत आने वाले सभी वर्गों के परिवार इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। सरकार का यह प्रयास न केवल सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देता है, बल्कि बेटियों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।

सरकार इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक नवविवाहित जोड़े पर 51 हजार रुपये खर्च करती है। 35 हजार रुपये वधू के खाते में जमा किए जाते हैं, जिससे नवविवाहित दम्पति अपने जीवन की नई शुरुआत कर सके। इसके अलावा 10 हजार रुपये की धनराशि में कपड़े, गहने और अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए दी जाती है। जबकि योजना के तहत छह हजार रुपये विवाह समारोह के आयोजन और अन्य व्यवस्थाओं पर खर्च किए जाते हैं। योजना के तहत हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सहित सभी धर्मों और जातियों के जोड़ों के विवाह उनके धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार सम्पन्न कराए जाते हैं। इससे प्रदेश में आपसी भाईचारे और सद्भाव को भी बढ़ावा मिल रहा है।

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना शुरू होने के बाद से हर वर्ष लाभार्थियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। 2020-21 में 22,780 जोड़े इस योजना से लाभान्वित हुए थे। 2023-24 में यह संख्या 1,04,940 तक पहुंच गई। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में एक लाख से अधिक जोड़ों का विवाह हो चुका है। चालू वित्तीय वर्ष के लिए योगी सरकार ने इस योजना के लिए 600 करोड़ रुपये का भारी भरकम बजट निर्धारित किया है।

सरकार ने अब इस योजना के तहत एक समारोह में होने वाले विवाहों की संख्या को घटाकर 5 कर दिया है। पहले यह संख्या 10 हुआ करती थी, लेकिन अब हर आयोजन को अधिक प्रभावी और व्यक्तिगत जरूरतों के अनुसार सम्पन्न करने के लिए यह बदलाव किया गया है। सरकार अब इस योजना से जुड़े नवविवाहित जोड़ों को विभिन्न सरकारी योजनाओं और अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए विशेष कार्यक्रम चला रही है।

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