
– बाढ़ प्रभावितों के साथ खड़ी है योगी सरकार, पीड़ितों की हर जरूरत का रखा जा रहा पूरा ध्यान
– बुधवार को करीब ढाई लाख लोगों को सहायता प्रदान की गई
– प्रदेश के 17 जिले इस वक्त बाढ़ की चपेट में
– 2,45,980 लोग और 30,030 मवेशी को सरकार ने बुधवार को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया
– 548 नाव और मोटरबोट्स से राहत सामग्री की जा रही वितरित
– 284 बाढ़ शरणालय और 996 बाढ़ चौकियां की गईं सक्रिय
– बुधवार को 12,298 क्लोरीन टेबलेट और 4,422 ओआरएस पैकेट का भी हुआ वितरण
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में लगातार मूसलाधार बारिश के कारण प्रदेश के 17 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बुधवार को बाढ़ प्रभावित जिलों के प्रभारी मंत्रियों को अपने-अपने जिलों में तत्काल राहत और बचाव कार्य की कमान संभालने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से भी बढ़-चढ़कर इस कार्य में भाग लेने और प्रभावित लोगों की हर जरूरत का ध्यान रखने को कहा।
सीएम योगी ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष निर्देश दिये कि कोई भी व्यक्ति बाढ़ की समस्या से परेशान न हो, प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए और मवेशियों के लिए भी पर्याप्त इंतजाम किये जाएं।
करीब ढाई लाख लोग और 30 हजार मवेशी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गये
राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी के अनुसार प्रदेश की 37 तहसीलें और 688 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, जिनमें 2,45,980 लोग और 30,030 मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। बाढ़ से कुल 27061 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है। राहत कार्य में 548 नाव और मोटरबोट्स की सहायता से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। बुधवार को 1,904 खाद्यान्न पैकेट और 11,350 लंच पैकेट वितरित किये गए।
प्रभावित इलाकों में 996 बाढ़ चौकियों की स्थापना
कुल 284 बाढ़ शरणालय सक्रिय हैं, जहां 4,440 लोग अस्थायी रूप से निवास कर रहे हैं और 626 मेडिकल टीमों द्वारा उनका मेडिकल चेकअप किया जा रहा है। सरकार ने जलजनित बीमारियों को रोकने के लिए 12,298 क्लोरीन टेबलेट और 4,422 ओआरएस पैकेट वितरित किए हैं। प्रभावित इलाकों में 996 बाढ़ चौकियों की स्थापना की गई है, जो लगातार स्थिति पर निगरानी रख रही हैं।
प्रदेश के ये जिले हैं बाढ़ प्रभावित
बलिया, बहराइच, बदायूं, चंदौली, कानपुर नगर, हरदोई, फर्रुखाबाद, गोंडा, कासगंज, लखीमपुर खीरी, मेरठ, मीरजापुर, मुजफ्फनगर, शाहजहांपुर, उन्नाव, प्रयागराज और वाराणसी।