सोलन में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने लॉन्च की नई दूध प्रोत्साहन योजना, किसानों को सीधे DBT से मिलेगा लाभ

दाड़लाघाट(सोलन)। सोलन जिले के दाड़लाघाट में कामधेनु हितकारी मंच के वार्षिक समारोह के अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश की महत्वाकांक्षी दूध प्रोत्साहन योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत सोसायटी द्वारा एकत्रित किए जाने वाले दूध पर सरकार सीधे DBT के माध्यम से 3 रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त राशि किसानों के बैंक खातों में जमा करेगी।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे दुग्ध उत्पादकों की आय बढ़ेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। साथ ही उन्होंने दाड़लाघाट में मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने की भी घोषणा की।

सीएम ने यह भी बताया कि अगले दो वर्षों में जिन परिवारों की पेंशन नहीं है, उनके लिए 1,500 रुपये की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सीमेंट पर कोई टैक्स नहीं बढ़ाया है और साधन संपन्न लोगों से स्वेच्छा से सब्सिडी छोड़ने का आह्वान किया।

डीजल ट्रकों को इलेक्ट्रिक में बदलने पर 40% सब्सिडी
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार जल्द ही एक योजना लागू करेगी, जिसके तहत यदि कोई व्यक्ति अपने डीजल ट्रक को इलेक्ट्रिक में बदलता है, तो उसे 40 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री कर्नल डॉ. धनी राम शांडिल, कृषि मंत्री चंद्र कुमार, अर्की विधायक संजय अवस्थी और दून के विधायक राम कुमार भी मौजूद थे। कार्यक्रम में लोगों ने ढोल-नगाड़ों और फूल मालाओं से मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया।

कामधेनु हितकारी मंच की यात्रा
कामधेनु हितकारी मंच के अध्यक्ष नानक चंद, सचिव जीत राम कौंडल, संस्थापक सदस्य डॉ. देवराज शर्मा और लेख राम कौंडल ने बताया कि कामधेनु संस्था की स्थापना 1 अक्टूबर 2001 को केवल 10-12 किसान परिवारों और 37 लीटर दूध से हुई थी। 24 वर्षों के सफर के बाद यह संस्था अब बिलासपुर और सोलन जिलों की 70 पंचायतों के 6,000 से अधिक परिवारों से जुड़ चुकी है। कुल्लू के आनी उपमंडल और शिमला ग्रामीण के धामी क्षेत्र के लगभग 1,000 परिवार भी संस्था से जुड़े हैं। संस्था प्रतिदिन 50,000 लीटर से अधिक दूध का संग्रह करती है और इसे प्रदेश के आठ जिला मुख्यालयों में वितरित किया जाता है।

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