
गांधीनगर। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल शुक्रवार देर शाम कच्छ पहुंचे। मुख्यमंत्री ने यहां कच्छ के रण (मरुस्थल) में अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करने वाले सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 85 बटालियन के जवानों से मिलकर उनके साथ भोजन किया।
1971 के युद्ध में इस बटालियन के जवानों ने दुश्मन के क्षेत्र में भीतर तक घुसकर पाकिस्तानी सेना की कॉलम को नष्ट किया था और 21वीं बलोच रेजीमेंट के रेजीमेंटल मुख्यालय पर हमला कर उसे नष्ट किया था। 85 बटालियन ने रेजीमेंटल इन्सिग्निया तथा राइफल रेक जैसी युद्ध ट्रॉफियां प्राप्त की हैं और 1971 के युद्ध में इस बटालियन की विजय ने उसे बलोच विजेता की पहचान दिलाई है। इतना ही नहीं, ऑपरेशन सिंदूर में भी 85 बटालियन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मुख्यमंत्री ने देश की सीमा की सुरक्षा करने वाले बीएसएफ के इन जवानों के साथ संवाद गोष्ठी भी की और रण की विषम स्थिति में देश की सरहद के संतरी (सीमा प्रहरी) के रूप में तत्परता के साथ कर्तव्यनिष्ठ रहने के लिए उनकी प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सेना ने ऑपरेशन सिंदूर की जो सफलता प्राप्त की है, उसके लिए मुख्यमंत्री ने सभी गुजरातियों की ओर से जवानों को अभिनंदन दिया। मुख्यमंत्री ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में जवानों ने देश के प्रति उत्तम समर्पण का उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने जवानों के इस अदम्य साहस की प्रशंसा की।
गुजरात फ्रंटियर बीएसएफ के आईजी अभिषेक पाठक ने स्वागत संबोधन करते हुए गुजरात राज्य में स्थित विभिन्न बीएसएफ चौकियों में पानी की सुविधा उपलब्ध कराने और सदैव सहयोग देने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। इसके अलावा, उन्होंने भुज में बीएसएफ रेजिंग डे परेड उत्सव मनाए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री के इस दौरे के दौरान कच्छ जिला पंचायत अध्यक्ष जनकसिंह जाडेजा, विधायक केशूभाई पटेल, बीएसएफ वेस्टर्न कमांड के एडीजी एस. एस. खंधारे, जिला कलेक्टर आनंद पटेल, जिला विकास अधिकारी उत्सव गौतम, बीएसएफ भुज के डीआईजी अनंत कुमार सिंह, 85 बटालियन के कमांडेंट शिव कुमार सहित जवान, अधिकारी आदि उपस्थित रहे।