
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में अवैध रूप से संचालित मदरसों पर कड़ा रुख अपनाया है। सरकार द्वारा चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत अब तक 170 से अधिक मदरसे सील किए जा चुके हैं। ये मदरसे या तो बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रहे थे या फिर इनकी गतिविधियां संदिग्ध पाई गईं।
मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार राज्य में शैक्षणिक संस्थानों की पारदर्शिता और वैधता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “हम यह तय करना चाहते हैं कि उत्तराखंड में कोई भी शिक्षण संस्था बिना पंजीकरण के न चले और किसी भी प्रकार की कट्टरता या उग्रवादी गतिविधियों को बढ़ावा न मिले।”
जिलेवार कार्रवाई
राज्य सरकार ने विशेष सर्वेक्षण टीमें गठित की हैं, जिनकी रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई की है। अब तक विभिन्न जिलों में सील किए गए अवैध मदरसों की संख्या इस प्रकार है:
जिला | सील किए गए मदरसे |
---|---|
ऊधमसिंह नगर | 65 |
हरिद्वार | 43 |
देहरादून | 44 |
पौड़ी | 02 |
नैनीताल | 18 |
अल्मोड़ा | 01 |
विशेष रूप से हल्द्वानी के बनभूलपूरा क्षेत्र में कई अवैध मदरसों पर कार्रवाई की गई है। रविवार को ही नैनीताल जिले में 13 मदरसे सील किए गए। जांच में सामने आया कि इनमें से कई भवन बिना निर्माण अनुमति के बनाए गए थे और उनमें कोई शैक्षणिक मान्यता या सुरक्षा मानक पूरे नहीं किए गए थे।
पारदर्शिता और विधिकता की दिशा में कदम
राज्य सरकार का यह कदम शिक्षा व्यवस्था में सुधार और पारदर्शिता लाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है। प्रशासन की इस कार्रवाई को प्रदेश में कानून व्यवस्था और सामाजिक संतुलन बनाए रखने की पहल के रूप में देखा जा रहा है।