कम वसूली में गाजियाबाद,कानपुर के मुख्य अभियन्ताओं पर गिरी गाज,हुए स्थानान्तरित

लखनऊ : जितनी बिजली दी जाए, उतना ही राजस्व वसूलें और लाइन हानियों को कम करें। बेहतर विद्युत व्यवस्था के लिए यह आवश्यक है। इसलिये सभी लोग विद्युत बिल वसूली में कड़ी मेहनत करें।

विद्युत बिल वसूलने में लक्ष्य से काफी पीछे रहने और लाइन हानियों में वृद्धि के कारण गाजियाबाद के प्रथम और कानपुर के द्वितीय मुख्य अभियंता को स्थानांतरित कर मुख्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया। प्रदेश के वितरण निगमों के कार्यों की समीक्षा में पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने यह कार्रवाई की।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा करते हुए अध्यक्ष ने निर्देशित किया कि आगामी 15 सितंबर से 15 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश में अनुरक्षण माह मनाया जाएगा, जिसमें सभी आवश्यक अनुरक्षण कार्य पूरे कर लिए जाएं। इसमें ट्रांसफार्मर की सुरक्षा और उनकी फेंसिंग आदि के कार्य अवश्य किए जाएं, जिससे स्पर्शाघात जैसी दुर्घटनाएँ न हों। अनुरक्षण कार्य सुरक्षा उपकरण पहने बिना न कराए जाएँ। यदि कहीं दुर्घटना हुई और यह पाया गया कि सुरक्षा उपकरण नहीं पहना गया था, तो अवर अभियंता, सहायक अभियंता और अधिशासी अभियंता को जिम्मेदार मानकर कार्रवाई की जाएगी।

स्मार्ट मीटर के संबंध में प्रदेश के सभी मुख्य अभियंताओं ने बताया कि उनके क्षेत्रों में कहीं भी तेज चलता हुआ स्मार्ट मीटर नहीं पाया गया। लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद, मथुरा, प्रयागराज, कानपुर और ललितपुर के अभियंताओं ने बताया कि उनके क्षेत्रों में चेक मीटर लगाकर स्मार्ट मीटर की जांच की गई, लेकिन किसी भी जगह स्मार्ट मीटर गलत नहीं पाया गया।

उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए 1912 कॉल फ्री नंबर पर आने वाली शिकायतों के निस्तारण की क्वालिटी जांच में पाया गया कि कई स्थानों पर बिना समस्या हल किए शिकायतें बंद कर दी गईं। इसलिए जिन्होंने ऐसा किया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही उपभोक्ता की उचित संतुष्टि तक शिकायतों का निस्तारण करके ही कार्यवाही बंद की जाए।

अध्यक्ष ने कहा कि कार्मिकों की चरित्र पंजिका ACR समय पर भरी जाए, अन्यथा प्रोन्नति प्रभावित होगी।

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