
Chhattisgarh Anti-Naxal : छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में माओवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्रवाई लगातार जारी है। पिछले तीन दिनों में इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान में सेना ने 4 माओवादियों को मार गिराया है, जिनमें से 2 टॉप कमांडर हैं। मारे गए माओवादियों के पास से हथियार भी बरामद किए गए हैं। सुरक्षा बलों को क्षेत्र में 8 और माओवादियों के छिपे होने की सूचना मिली है, और उनकी तलाश जारी है।
पिछले 15 दिनों में माओवादियों के खिलाफ चलाए गए अभियान में सेना को कई बड़ी सफलता मिली है। तीन दिनों के दौरान, जवानों ने इनामी माओवादियों को ढेर किया है। इन माओवादियों में गुरुवार को 1 करोड़ रुपये के इनामी माओवादी को मारा गया, जबकि शुक्रवार को 45 लाख के इनामी माओवादी को भी मार गिराया गया है। इन ऑपरेशनों में माओवादी संगठन के शीर्ष नेतृत्व को निशाना बनाकर उनकी जड़ समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है।
नेशनल पार्क क्षेत्र में दूसरे दिन के अभियान में सुरक्षा बलों ने तेलंगाना स्टेट कमेटी के सदस्य और एमकेबी सचिव भास्कर उर्फ माइलारापु अडेल्लु (45) को मार गिराया। इस माओवादी पर 25 लाख रुपये का इनाम तेलंगाना में और 20 लाख रुपये का इनाम छत्तीसगढ़ में घोषित था। इस दौरान जवानों ने एके-47 राइफल और विस्फोटक भी बरामद किए।
गुरुवार को हुए अभियान में, सुरक्षा बलों ने 40 लाख रुपये के इनामी केंद्रीय समिति सदस्य सुधाकर को मुठभेड़ में मार गिराया। इस ऑपरेशन में जवानों ने भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक भी बरामद किए। इन तीन दिनों में कुल 4 माओवादी मारे गए हैं, जिनमें से 2 बड़े टॉप कमांडर हैं।
सुरक्षा बलों को इस क्षेत्र में अभी भी 8 प्रमुख माओवादी छिपे होने की जानकारी है। इनमें बसव राजू के मारे जाने के बाद, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के महासचिव बनने की दौड़ में शामिल भूपति व देवजी जैसे नेता भी शामिल हैं। इसके अलावा, पूर्व माओवादी प्रमुख गणपति, के. रामचंद्र रेड्डी उर्फ गुडसा, डीकेएसजेडसी के सचिव व प्रभारी एमएमसी, कादरी सत्यनारायण रेड्डी, पुल्लरी प्रसाद राव, सुजाता उर्फ कल्पना और माड़वी हिड़मा जैसे कई अन्य नेता भी इसी इलाके में छुपे हुए हैं। इन सभी की लगातार तलाशी जारी है।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में माओवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्रवाई तेज़ है। इन तीन दिनों में कई बड़े नेताओं को मार गिराने में सफलता मिली है, जिससे माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगा है। जवानों का प्रयास है कि इन छिपे हुए नेताओं को भी जल्दी पकड़ लिया जाए और माओवादी संगठन को जड़ से समाप्त किया जा सके।













