
छत्तीसगढ़ का सरगुजा क्षेत्र में ‘पाताल तोड़ कुआं’ एक रहस्यमयी कुआं है जो बिना किसी मोटर या बोर के सालभर पानी देता रहता है। यह कुआं इतना खास है कि इसमें बहता पानी का स्वाद भी लाजवाब होता है। इसे अजूबा माना जाता है क्योंकि सामान्य कुएं या बोरों में पानी के लिए मोटर का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इस कुएं में ऐसा कुछ नहीं है, फिर भी यह लगातार पानी देता है। इसका पानी इतने लंबे समय तक कैसे बहता है, यह एक रहस्य बना हुआ है।
अम्बिकापुर पहले से ही ठंडे मौसम के लिए जाना जाता था। शुरुआत में यहां की बुनियादी सुविधाएं जैसे बिजली और पानी की व्यवस्था नहीं थी। फिर सरगुजा जिले के मैनपाट स्थित ग्राम रोपाखार में पाताल जैसी एक प्राकृतिक पानी की टंकी बनायी गई। यह पानी बिना किसी इलेक्ट्रिक साधन के, जैसे मोटर या बोर, नियमित रूप से बहता रहता है और साल भर ऐसे ही रहता है।
आजकल इसे पर्यटकों के लिए एक प्रमुख स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह पानी बहुत ठंडा और स्वादिष्ट माना जाता है, जिसे तिब्बती लोग भी पीते थे। कहा जाता है कि इस पानी की ठंडक और स्वाद में फिल्टर किए हुए पानी को भी मात दे देती है। समय के साथ यहां लोग बस गए हैं और अब इस पाताल तोड़ कुएं के पानी का उपयोग अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में कर रहे हैं। अब इसे एक दर्शनीय स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनाई जा रही है।














