पटना: बिहार में आस्था का महापर्व छठ का आगाज नहाय-खाय के साथ हो गया है। चार दिवसीय इस पर्व की शुरुआत शनिवार को नहाय-खाय से हुई, जिसमें श्रद्धालु गंगा नदी और अन्य जलाशयों में स्नान करके विशेष पकवान बनाकर पूजा करते हैं।
पटना में इस पर्व को लेकर व्यापक तैयारियां की गई हैं। गंगा घाटों की सफाई और सजावट का काम तेजी से चल रहा है। नगर निगम और स्थानीय प्रशासन ने घाटों पर जल स्तर की जांच और सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित किया है। साथ ही, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शौचालय, पेयजल और अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता है। स्थानीय बाजारों में पूजा सामग्री की खासी भीड़ है, जहां से लोग मिट्टी के दीप, फल, सूप, और अन्य आवश्यक सामान खरीद रहे हैं। खासकर, गन्ना और हरी सब्जियों की मांग बढ़ गई है।
महापर्व के दूसरे दिन, खरना का आयोजन होगा, जिसमें भक्त अपने परिवार के साथ उपवास रखते हैं और भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। छठ पूजा के तीसरे दिन, श्रद्धालु सूर्योदय से पहले उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं, और अंतिम दिन संतान सुख की कामना के साथ सूर्य देवता की पूजा होती है।
इस अवसर पर, पटना के विभिन्न स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा, जो श्रद्धालुओं के बीच धार्मिक और सामाजिक एकता को बढ़ावा देगा।
बिहार सरकार ने भी इस पर्व को सफल बनाने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें सभी संबंधित विभागों को तैनात किया गया है। श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे घाटों पर स्वच्छता का ध्यान रखें और किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचने के लिए सावधानी बरतें।
इस प्रकार, नहाय-खाय के साथ शुरू हुए इस महापर्व की तैयारियों ने श्रद्धालुओं के बीच एक नई ऊर्जा का संचार किया है। सभी की कामना है कि यह पर्व सभी के लिए सुख, शांति और समृद्धि लेकर आए।