
गुरुग्राम। भले ही पैसे और व्यवसायिक गतिविधियों में गुरुग्राम को मिलेनियम सिटी का दर्जा हासिल हो लेकिन गंदगी और जलभराव में उसकी तस्वीर धुंधली ही है। सरकारी आंकड़ों में भले ही उसकी स्वच्छता तस्वीर को ठीक करने की कोशिश की गई हो लेकिन जमीनी हकीकत में कोई खास फर्क नहीं आया है। विपक्ष ने इस पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पंकज डावर ने गुरुग्राम को स्वच्छता रैकिंग में मिले स्थान पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि शायद ऐसा इतिहास में पहली बार हो रहा है कि शहर में गंदगी, अस्वच्छता बढ़ रही है और सरकारी आंकड़ों में उसे बेहतर माना जा रहा है। उसे स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छे नंबर दिए जा रहे हैं। यह अपने आप में रिसर्च का विषय है।
पंकज डावर ने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2023-24 में गुरुग्राम को 140वां स्थान मिला था। इस बार ऐसा क्या जादू हुआ है कि यह नंबर घटा और सर्वेक्षण में गुरुग्राम राष्ट्रीय स्तर पर 41वें स्थान पर आ गया है। हरियाणा में सातवां स्थान आया है। उन्होंने कहा कि जिस गुरुग्राम में गंदगी को लेकर एयर लाइन कंपनी के पूर्व सीईओ सवाल खड़े करते हैं। गंदगी के फोटो और वीडियो प्रधानमंत्री तक पहुंचाकर उन्हें हस्तक्षेप करने की मांग करते हैं, उसी गुरुग्राम को स्वच्छता रैंकिंग में उपलब्धि हासिल होती है। इससे लगता है कि भारत सरकार की स्वच्छता सर्वेक्षण टीम ने इस सर्वेक्षण का ही मजाक बना दिया है। या फिर उन्हें ऐसी जगहें दिखाई जाती हैं, जहां पर निजी कंपनियां अपने स्तर पर सफाई का काम करवाती हैं। उदाहरण के तौर पर डीएलएफ साइबर सिटी का क्षेत्र देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि नये और पुराने गुरुग्राम में गंदगी की भरमार है। शहर सड़ रहा है। हर गली, मोहल्ले, सडक़ों के चौराहे, तिराहे, प्रवेश द्वार, मंडी, मंदिरों के पास, गुरुद्वारे के पास गंदगी के ढेर लगे रहते हैं। आसपास रहने वाले लोगों, दुकानदारों का जीना मुश्किल हो गया है। उठो तो गंदगी के दर्शन होते हैं। बाहर से घर आते हैं तो गंदगी के दर्शन होते हैं। घर से निकलने पर भगवान के दर्शन करके निकलते हैं, मगर घर से बाहर निकलकर गंदगी के दर्शन करके लोगों को मूढ़ खराब हो जाता है। ऐसे माहौल के बीच भला कैसे शहर को स्वच्छता में बेहतर रैंकिंग मिल सकती है।
पंकज डावर ने यह भी कहा कि कहा कि बुधवार को मुख्यमंत्री शहर में आए और कई घंटे तक वे यहां रहे। उन्हें शहर की दुर्दशा देखनी चाहिए थी। वे यहां ग्रीवेंस कमेटी के अध्यक्ष हैं। सिर्फ एक जगह पर बैठक करके उन्हें यहां से जाना नहीं चाहिए था। उन्होंने कहा कि बरसाती पानी भरने से, सीवरेज में डूबने से और बरसात के कारण करंट लगने से यहां पिछले दिनों कई लोगों की मौत हो गई, मगर मुख्यमंत्री, स्थानीय विधायक ने पीडि़तों के घर तक जाकर सांत्वना तक देना मुनासिब नहीं समझा।