छांगुर बाबा की कुंडली उसी के साथ रहने वाले शख्स ने खोली, धर्मांतरण के लिए साम-दंड-भेद सब आजमाता था

Chhangur Baba : बलरामपुर के छांगुर बाबा की करतूत अब हर रोज एक नए खुलासे के साथ सामने आ रही है। जिसमें बताया जा रहा है कि प्रभुत्व जमाने के लिए 40 देशों में छांगुर बाबा ने अपनी पैठ जमा रखी थी। यहीं नहीं, 20 हजार से अधिक शागिर्द होने का दावा भी इस शख्स की तरफ से किया जा रहा था। ताकत दिखाने के लिए फर्जी मुकदमे दर्ज कराने और धर्मांतरण कराने में छांगुर देर नहीं करता था।

छांगुर ने युवतियों की भी एक टीम बना रखी थी, जो किसी पर भी दुष्कर्म का आरोप लगाकर उन्हें फर्जी केस में फंसा सकती थी। छांगुर धर्म परिवर्तन न करने वालों को सबक सिखाने में प्रशासनिक मिशनरी तक का इस्तेमाल कर रहा था और बेखौफ होकर यह सब कुछ कर रहा था। धर्म परिवर्तन के लिए राजी होने पर मोटी रकम दी जाती थी।

करीब 15 सालों से यह खेल चल रहा था, जो छांगुर बाबा का था। लेकिन यह खुलासा तब हुआ जब इस शख्स को करीबियों का कहना है कि उनके ही जो करीबी थे, उन्हें उसकी यह करतूत नागवार गुजरने लगी। जिसके बाद विरोध शुरू हुआ, और विरोध का यह दौर जैसे ही शुरू हुआ, दो साल तक छांगुर के साथ रहने वाले एक शख्स ने कहा कि धर्म परिवर्तन कराने की जानकारी हुई तो हमने विरोध किया था, जिसकी सजा झूठे मुकदमे में हमें जेल जाकर चुकानी पड़ी। जान का खतरा भी पड़ा। अभी तक वह छुपकर जिंदगी जी रहा है।

उसने बताया कि छांगुर धर्म परिवर्तन कराने के लिए पहले कलमा पढ़वाता था, और जब वह संतुष्ट नहीं होता था, तो फिर छांगुर उन पर दबाव बनाता था। वह धर्म परिवर्तन के लिए हर तरह के तिकड़म आजमाता था। यहीं नहीं, हिंदू धर्म से उनके मोहभंग करा देता था। यदि सब कुछ ठीक नहीं हो पाता था, तो फिर साम-दाम-दंड भेद भी आजमाता था।

छांगुर बाबा फोटो खींचने से लेकर वीडियो बनाने तक के दबाव बनाने का हथकंडा अपनाता था। इन तस्वीरों और वीडियोज को वह इस्लामिक देशों की संस्थाओं को भेजता था, जो धर्मांतरण के लिए फंड मुहैया कराते थे। जांच में जुटी एटीएस की टीम कहती है कि इन देशों से फंड मिलने के सुराग भी मिले हैं, जो इस शख्स तक करोड़ों रुपये के ट्रांसजैक्शन कर रहे थे। फंड को सुनिश्चित करने के लिए छांगुर ने ट्रस्ट भी बना रखा था।

छांगुर बाबा के एक सहयोगी का यह भी दावा है कि वह औरंगजेब को आदर्श मान रहा था और उससे जुड़ी पुस्तकों को पढ़ता था। अपने विरोधियों को परास्त करने और उन्हें डराने-धमकाने के लिए यह शख्स बड़े पैमाने पर रकम खर्च कर रहा था। इसकी शिकायत करने वाले बाबू चौधरी का कहना है कि उसने खुद को फंसाने और बचाने के लिए छांगुर ने पानी की तरह पैसे बहाए थे। बाराबंकी और बहराइच के पेशेवर लोगों को सुपारी दी गई थी। 25 लाख रुपये तक एफआईआर दर्ज कराने में खर्च हो चुके हैं। इसके अलावा, हर तरह से उसकी छवि बनी रहे, और लोगों तक उसकी सच्चाई न पहुंचे, उसके लिए भी मोटी रकम खर्च की गई।

छांगुर बाबा ने अपने कद को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए। पुणे की एक संस्था का पदाधिकारी भी बना। प्रदेश स्तरीय पद का नियुक्ति पत्र भी इस शख्स ने हासिल किया, जिसमें प्रधानमंत्री की तस्वीर लगी हुई थी। सोचिए, यह शख्स कितना शातिर था, जिसने अपने चारों तरफ एक माया का जाल फैला रखा था। इसकी शिकायत पीएमओ तक हो चुकी है। अब जब यह गिरफ्त में है, तो इसके इस माया जाल की एक-एक परत खुल रही है कि कैसे धर्मांतरण का यह गंदा खेल सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी चल रहा था।

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