
चंपावत। उत्तराखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं गरीबों की निःशुल्क पैरवी करने के लिए विख्यात मोहन चंद्र पांडे का दिल्ली के एम्स में रविवार को निधन हो गया। वह एक पखवाड़े से वहां भर्ती थे। सोमवार को हल्द्वानी के चित्रशिला घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया। जहां बड़ी संख्या में लोगों ने उन्हें अपनी अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की।
मूल रूप से जिले के पाटी ब्लॉक के घिघारूकोट गांव के निवासी एवं बाराकोट ब्लॉक के पूर्व प्रमुख स्व लीलाधर पांडे के दो पुत्रों में बड़े एडवोकेट मोहनचंद पांडे वर्ष 1973 में अपने ताऊ कुमाऊं के शेर कहे जाने वाले स्व. दयाकृष्ण पांडे के विधायक चुने के बाद से ही उनके साथ विकास कार्यों में जुड़ गए। बाद में वह उनके विधायक पुत्र कमल किसन पांडे के साथ इस कार्य को आगे बढ़ाने में लग गए। पाटी ब्लॉक के सृजन, लोहाघाट में राजकीय पालीटेक्निक, राजकीय पीजी कॉलेज, राजकीय महिला चिकित्सालय सहित क्षेत्र में कई शिक्षण संस्थानो, सड़कों के निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
पांडे हाईकोर्ट बार उत्तराखंड हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष, हाईकोर्ट के अपर महाधिवक्ता, कुमाऊं विश्वविद्यालय कार्य परिषद के सदस्य, वोट हाउस क्लब नैनीताल के सचिव, के अलावा तमाम प्रमुख पदों में रहे। समाज सेवा एवं अपने पैतृक चंपावत पिथौरागढ़ जिले के लोगों की मुफ्त पैरवी करने के अलावा वह हर व्यक्ति के सुख-दुख में भागीदार रहते थे। उनके निधन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, हरीश रावत, केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा, सांसद अजय भट्ट आदि ने शोक संवेदना व्यक्त की है।















